जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ब्रिटेन के बर्कशायर में स्थित रीडिंग यूनिवर्सिटी (University of Reading) के पुरातत्वविद प्रोफेसर केन डार्क (Ken Dark) ने दावा किया है कि इजरायल में नजारेथ कॉन्वेंट के ननों (सिस्टर्स) की खुदाई के दौरान ईसा मसीह के बचपन का घर मिला है.
पुरातत्वविद ने बिताए 14 साल
डेली मेल के अनुसार केन डार्क (Ken Dark) ने इजरायल के नाजारेथ में नजारेथ कॉन्वेंट के ननों (सिस्टर्स) के अधीन पहली शताब्दी के आवास के अवशेष का अध्ययन करते हुए 14 साल बिताए हैं.
यीशु के पिता ने बनाया था घर
पत्थर और चूने के गारे से बने घर को पहली बार 1880 के दशक में खोला गया था. इसे आंशिक रूप से एक चूना पत्थर की पहाड़ी को काटकर बनाया गया था, यीशु के पिता जोसफ ने बनाया था.
1930 में ननों ने करवाई थी खुदाई
जिन ननों के पास इस कॉन्वेंट का स्वामित्व था, उन्होंने 1930 में इस विश्वास के साथ इसकी खुदाई करवाई थी कि यह यीशु के बचपन का घर था. उनकी यह सोच 1888 में एक प्रसिद्ध बाइबिल विद्वान विक्टर गुइरिन के दावे पर आधारित था, लेकिन इसका प्रमाण कभी नहीं मिला.
2006 में केन डार्क ने शुरू किया प्रोजेक्ट
इस जगह पर साल 1936 और 1964 के बीच कई बार खुदाई किया गया था, जिसके बाद इसे विद्वानों द्वारा लगभग भुला दिया गया. उस दौरान लेकर किसी पुरातत्वविद ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसे बाद प्रोफेसर केन डार्क ने साल 2006 में अपना प्रोजेक्ट शुरू किया.
कैसे पता चला यीशु का घर
प्रोफेसर केन डार्क ने 2015 में खुदाई स्थल के प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें उस घर को उन्होंने मैरी और जोसेफ के घर के रूप में पहचान का सुझाव दिया. इसके बाद के विश्लेषणों से पुष्टि हुई कि यह घर पहली शताब्दी से पहले का है, जो इस सुझाव को मजबूत करता है कि यह वास्तव में यीशु का घर था. प्रोफेसर डार्क ने बताया है कि फील्डवर्क डेटा पर पांच साल के गहन शोध ने पहली सदी के घर और चौथी-पांचवीं सदी के चर्चों के लिए सबूतों को मजबूत किया है.