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नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए योगी सरकार लाई है नई सोशल मीडिया पॉलिसी : असदुद्दीन ओवैसी
jantaserishta.com
29 Aug 2024 2:53 AM GMT
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नई दिल्ली: एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को नई सोशल मीडिया पॉलिसी पर उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए योगी सरकार यह नीति लेकर आई है।
तेलंगाना के हैदराबाद से सांसद एवं एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नई स्कीम चलाई है। स्कीम के तहत सोशल मीडिया पर बाबा की झूठी तारीफ करने से कोई आठ लाख रुपये तक कमा सकता है।"
ओवैसी ने आगे लिखा है, "अगर आपने बाबा या उनकी पार्टी का कानूनी विरोध भी किया तो आपको राष्ट्र विरोधी घोषित कर जेल भेजा जाएगा। आपके टैक्स के पैसों से अब आईटी सेल वालों का घर चलेगा।"
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नई सोशल मीडिया पॉलिसी लाई है। इसको लेकर सरकार की मंशा है कि अगर कोई आपत्तिजनक और राष्ट्र विरोधी पोस्ट करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और आरोपी को दंडित किया जाएगा।
इस पॉलिसी में सोशल मीडिया अकाउंट पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्ति को तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा दी जा सकेगी। इसके अलावा इस पॉलिसी के माध्यम से सरकार ने सोशल मीडिया पर डिजिटल एजेंसी और फर्म के लिए विज्ञापन की व्यवस्था भी की है। इस सोशल मीडिया पॉलिसी को राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई है।
इस पॉलिसी के तहत सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का प्रचार करने वालों को आठ लाख रुपये तक का विज्ञापन भी दिया जाएगा। इस पॉलिसी में सरकार द्वारा अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कॉन्टेंट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट और रील को शेयर करने वाले लोगों को विज्ञापन देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि इस नीति के जारी होने के बाद देश-विदेश और विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलने की प्रबल संभावना है। अब तक आईटी एक्ट की धारा 66ई, और 66एफ के तहत कार्रवाई की जाती थी। सोशल मीडिया पॉलिसी पर राष्ट्र विरोधी कंटेंट डालने पर अभद्र एवं अश्लील सामग्री पोस्ट करने पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी चलाया जा सकता है।
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