मुंबई। मुंबई की एक पीएमएलए अदालत ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को 200 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले में जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने उन्हें एक लाख रुपये के पीआर मुचलके पर जमानत दी। हालांकि, वह जेल से बाहर नहीं निकलेंगे, क्योंकि वह अन्य मामलों में भी बंद हैं। कपूर को चुन-चुनकर गिरफ्तार करने और जमानत का विरोध करने लेकिन सुनवाई शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने के लिए अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की भी जमकर खिंचाई की।
"ईडी केवल ज़मानत आवेदनों का भारी विरोध करता है, लेकिन विशेष रूप से पीएमएल एक्ट की धारा 44 (1) (सी) के जनादेश के अनुसार, परीक्षणों की कार्यवाही में कोई सक्रिय कदम नहीं उठाता है और अभियुक्त एक अंडरट्रायल कैदी है। इस तरह, कई मामलों में अन्य मामलों में न्यायालय बार-बार ईडी को पीएमएल एक्ट की धारा 44(1)(सी) की सच्ची भावना और जनादेश का पालन करने का निर्देश दे रहा है। इसने दो साल में विधेय अपराध की जांच पर कोई प्रगति नहीं होने के लिए सीबीआई की भी आलोचना की।
ED के रवैये पर कोर्ट का प्रश्नचिन्ह
स्पेशल जज मुंबई एम जी देशपांडे की कोर्ट के द्वारा पड़ी ED-CBI को फटकार। यह मामला है यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर का जो 200 करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड मामले में अभियुक्त हैं, जिनके ख़िलाफ़ CBI के द्वारा केस दायर करने के पश्चात ED ने PMLA के अन्तर्गत ECIR दर्ज करते हुए मनी लाउंड्रिंग में 2020 में गिरफ़्तारी की थी। स्पेशल जज मान. देशपांडे ने न्यायलयीन प्रकरण PMLA SPL Case No 404/2021 का निर्णय दिनांक 01.04.2023 में कहा कि ED-CBI केवल करती है ज़मानत का भारी विरोध पर ट्रायल शुरू करने की कोशिश भी नहीं करती, जिस पर कोर्ट ने गंभीर आपत्ति करते हुए राणा कपूर को 01 लाख के निजी मुचलके में ज़मानत आदेश पारित कर दिया।