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उत्तरकाशी की घटना पर सेकुलर नेता क्यों खामोश, हिंदू मजहब नहीं सिखाता हिंसा : मोहम्मद अदीब
jantaserishta.com
26 Oct 2024 2:31 AM GMT
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नई दिल्ली: इंडियन मुस्लिम्स फॉर सिविल राइट्स (आईएमसीआर) के सदस्य मोहम्मद अदीब ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मस्जिद के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
उन्होंने कहा, "मैंने तो पहले भी कहा है और अभी भी कहता हूं कि इसका जवाब हिंदू भाइयों को देना चाहिए। क्या हिंदू मजहब यही सिखाता है कि आप किसी की दरगाह, किसी की मस्जिद तोड़ दें? यह तो हिंदू मजहब को बताना चाहिए। यह जो है यह हिंदू मजहब के लोग नहीं हैं, यह गुंडे हैं। हिंदू समाज के नेताओं को आगे आना चाहिए।आज मैं पूछ रहा हूं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सेकुलर नेताओं से कि वह खामोश क्यों हैं? क्या हम ऐसे ही पिटते रहेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "हिंदू धर्म की यह पहचान नहीं है। मोदी सरकार मुल्क तोड़ रही है और मजहब को खत्म करने की कोशिश कर रही है। अपनी इंसानियत खत्म कर रही है। यह एक मस्जिद नहीं, हर मस्जिद पर होता रहेगा। इसी पर यह चुनाव जीतेंगे। अफसोस इस बात का है कि यहां का नौजवान भूल गया है कि हिंदुस्तान क्या है? यकीनी तौर पर यह मेरे जवानी के मेरे ख्वाबों का हिंदुस्तान नहीं है।"
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शत्रु संपत्तियों पर गौ माता के लिए गौशाला बनाये जाने का फैसला किया है। जिसको लेकर मोहम्मद अदीब ने कहा कि अगर वह पढ़े लिखे होते तो कहते कि मैं यहां पर संस्थान, रिसर्च सेंटर, हॉस्पिटल बनाऊंगा, वह स्कूल बनाने की बात करते। इसके आगे वह क्या सोच सकते हैं? योगी सरकार ने अभी तक कोई भी विकास का काम नहीं किया है। यह जो आप आईआईटी देख रहे हैं, एम्स देख रहे हैं, रिसर्च सेंटर देख रहे हैं, विश्वविद्यालय देख रहे हैं, यह तो इनके लिए एक अजीब चीज है।
उल्लेखनीय है कि हिंदूवादी संगठनों और अन्य लोगों ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक मस्जिद को अवैध बताकर वहां विरोध-प्रदर्शन किया था। गुरुवार को संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। झड़प में पथराव और लाठीचार्ज के परिणामस्वरूप 27 लोग घायल हुए, जिनमें आठ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
रैली को प्रशासन की ओर से पूर्वानुमति प्राप्त थी। लेकिन प्रदर्शनकारी प्रशासन की ओर से तय रूट से हटकर दूसरे रास्ते से जाने की जिद कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग करने की आवश्यकता पड़ी, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
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