डॉ सीमा अवस्थी 'मिनी'
भाटापारा छत्तीसगढ़
सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन जी का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मेरे जीवन में गुरु का सदैव विशेष स्थान रहा है।
माता मेरी प्रथम गुरु, दूजे गुरुवर आप।
जीवन के हर मोड़ पर, गुरु मंत्र बना जाप।।
जिनका करता हर व्यक्ति सम्मान,
जो करते हैं राष्ट्र का निर्माण,
गढ़ते जो माटी से मानव महान,
ऐसे गुरुवर को मेरा सादर प्रणाम,
गुरु बिना ज्ञान कहांँ.?
सूना हो मन का आँगन,
गुरु ज्ञान का आदि न अंत,
गुरु देते शिक्षा अनंत,
अज्ञान का अंधकार हटाकर ,
ज्ञान का दिखे प्रकाश पुंज।
संचित धन सम देते ज्ञान,
मन में भरवाते ऊंँची उड़ान,
दुनिया में दिलाते पहचान ,
गुरु बिन सूना मन का जहान।
गुरु ने अंगुली पकड़ चलना सिखाया,
गिरने के बाद कैसे संभलना है बताया।
गुरु की कृपा और आशीर्वाद से ही,
मुझे मिला है आज यह मुकाम।
उन सभी गुरुवर को मेरा सादर प्रणाम,
जिनके योगदान ने बनाया मुझे एक नेक इंसान।।
शिक्षक का मान
जग में
अलख शिक्षा का जगाते ।
अक्षर का हमें ज्ञान कराते ।
शब्द से शब्द जोड़ कर,
मात्राओं का ज्ञान कराते,
हमें पढ़ना लिखना सिखाते ।
जोड़ घटाना गुणा सिखाते।
छोटे बड़े का भाव जगाते
भाषा संस्कृति का ज्ञान करवाते ।
नए प्रयोगों से विज्ञान बताते ।
बीती बातों का इतिहास समझाते।
भूगोल की कहानी सुनाया करतेऔ।
भौतिक नैतिक शिक्षा,
का ज्ञान देकर
सही गलत का अंतर समझाकर,
जीत हार का मर्म बताते।
साधारण रहकर सुखद भविष्य का निर्माण हैं करते ।
देश की भावी पीढ़ी का निर्माण वो करते।
दीपक की लौ जैसे जलकर दूसरों को प्रकाशित करते।
वही शिक्षक महान कहलाते ।
वही श्रेष्ठ शिक्षक कहलाते।।