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सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत नोएडा के 600 लोकेशन पर लगेंगे 2500 कैमरे

jantaserishta.com
8 Jun 2024 5:35 AM GMT
सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत नोएडा के 600 लोकेशन पर लगेंगे 2500 कैमरे
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नोएडा: सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत नोएडा के चप्पे-चप्पे पर तीसरी आंख की नजर होगी। करीब 212 करोड़ रुपए की लागत से 600 जगह पर 2500 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और इन कमरों की नजर से कोई भी अपराधी बच नहीं पाएगा।
पुलिस का दावा है कि अभी नोएडा में कई जगहों पर लगे कैमरे की मदद से तकरीबन 700 केस सॉल्व किए जा चुके हैं। जब नोएडा के चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरा होगा तो फिर कोई भी अपराधी अपराध करने के बाद बच नहीं पाएगा और अपराधियों के मन में सीसीटीवी का भी खौफ रहेगा।
आगामी छह महीने में नोएडा के बाजार, अस्पताल, पार्क और मेट्रो स्टेशन, मॉल्स सब कुछ नोएडा पुलिस के सर्विलांस पर होगा। सेफ सिटी के तहत यहां 2500 सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम जुलाई में शुरू होगा। ये कैमरे 600 लोकेशन पर लगाए जाएंगे। इसका कंट्रोल रूम अलग से बनाया जाएगा, जिसकी कमांड पुलिस के पास होगी।
नोएडा में 1046 कैमरे आईएसटीएमएस योजना के तहत लगे हैं। इनका काम ट्रैफिक और पुलिस के लिए सर्विलांस करना है। आईएसटीएमएस और सेफ सिटी ये दोनों प्रोजेक्ट अलग-अलग हैं, लेकिन एक साथ रन करेंगे। दोनों योजनाओं से जुड़े लोग एक दूसरे के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज आसानी से देख सकेंगे। इनके पास एक्सेस होगा।
इसका सबसे बड़ा फायदा क्राइम को कंट्रोल करने में होगा। प्रमुख स्थानों की 24 घंटे सर्विलांस हो सकेगी। नोएडा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने आईएसटीएमस योजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत पूरे शहर में तीन प्रकार की कैमरे जिसमें एएनपीआर, सर्विलांस, आरएलवीडी कैमरे लगे थे। इनके जरिए नोएडा पुलिस ने अब तक 700 केस सॉल्व किए हैं। ये केस चेन स्नेचिंग, लूटपाट, रोड रेज से लेकर मर्डर तक के हैं, जिसमें इन कैमरों की मदद ली गई और पुलिस को सफलता मिली।
सेफ सिटी प्रोजेक्ट आने से पुलिस की इंटेलिजेंस और बढ़ जाएगी। सेफ सिटी प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 212 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। ये पैसा नोएडा प्राधिकरण खर्च करेगा। एक सप्ताह में ई टेंडर प्रक्रिया की जाएगी।
चुनी जाने वाली कंपनी का काम सीसीटीवी कैमरों को इंस्टॉल करना, ऑप्टिकल फाइबर लाइन डालना, उसकी मॉनिटरिंग की ट्रेनिंग देना होगा। इस काम को 6 से 9 महीने में पूरा किया जाएगा। माना जा रहा है कि ये योजना 2025 तक पूरी होगी।
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