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संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक लेबनान स्थित ठिकानों में बने रहेंगे: शांति सेना प्रमुख
jantaserishta.com
15 Oct 2024 3:50 AM GMT
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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र शांति सेना प्रमुख ने इजरायली अधिकारियों की अपील को खारिज करते हुए कहा है कि इजरायल-लेबनान ब्लू लाइन के पास शांति सेना अपनी जगह पर बनी रहेगी।
संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के अवर महासचिव जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने सोमवार को लेबनान की स्थिति पर सुरक्षा परिषद को जानकारी देने के बाद कहा, "इजरायली रक्षा बलों द्वारा ब्लू लाइन के आसपास के क्षेत्रों में स्थित ठिकानों को खाली करने की अपील के बावजूद यह निर्णय लिया गया है कि यूनिफिल (लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल) वर्तमान में अपने सभी ठिकानों पर बना रहेगा।"
उन्होंने कहा, "मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि इस फैसले पर हम कायम हैं।" उन्होंने कहा कि इस निर्णय की पुष्टि सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने की थी और "कई तत्वों और मानदंडों" के आधार पर सावधानीपूर्वक विचार किया गया था।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार लैक्रोइक्स ने कहा, "बेशक, शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।" इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को ब्लू लाइन पर चल रही शत्रुता पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की।
अक्टूबर के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में स्विट्जरलैंड के स्थायी प्रतिनिधि पास्कल बेरिसविल ने कहा, "ब्लू लाइन पर चल रही शत्रुता की पृष्ठभूमि में, सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने पिछले दिनों यूनिफिल के कई ठिकानों पर हमले के बाद अपनी गहरी चिंता व्यक्त की।"
बंद कमरे में सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद उन्होंने एक बयान में कहा, "कई शांति सैनिक घायल हुए हैं।" उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने सभी पक्षों से यूनिफिल कर्मियों और संयुक्त राष्ट्र परिसरों की सुरक्षा का सम्मान करने का आग्रह किया है। साथ ही मिशन प्रति अपने समर्पण को दोहराया और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए इसकी अहमियत को रेखांकित किया। बैरिसविल ने कहा कि परिषद के सदस्यों ने नागरिकों की मौतों और कष्टों, नागरिक बुनियादी ढांचे के विनाश और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की बढ़ती संख्या पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने सभी पक्षों से अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का पालन करने की अपील की। इसके अलावा सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के पूर्ण कार्यान्वयन का आह्वान किया और संघर्ष को एक स्थायी अंत लाने वाले "राजनयिक प्रयासों" की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही कहा कि ब्लू लाइन के दोनों ओर आम नागरिकों की सुरक्षित वापसी की अनुमति दी जाए।
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