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पिछले 10 साल में मोदी सरकार की निरंतरता को दर्शाता है यह बजट : हरदीप सिंह पुरी

jantaserishta.com
24 July 2024 3:29 AM GMT
पिछले 10 साल में मोदी सरकार की निरंतरता को दर्शाता है यह बजट : हरदीप सिंह पुरी
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नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि बजट 2024-25 नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 10 साल में किए कार्यों की निरंतरता को दर्शाता है। बजट में सभी लोगों पर जोर दिया गया है।
हरदीप सिंह पुरी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जो कुछ किया है, यह बजट उसकी ही एक निरंतरता के रूप में है। फरवरी की शुरुआत में पहले जब अंतरिम बजट पेश किया गया था, तब पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ था, वह अभी भी जारी है। ग्रामीण विकास के लिए, जो कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, उसमें 2.66 लाख करोड़ का प्रावधान है। महिला-केंद्रित से महिला-नेतृत्व की ओर ट्रांसफर हुए विकास के लिए 3 लाख करोड़ का प्रावधान है।"
उन्होंने कहा, "युवाओं को 5 साल में 4.1 करोड़ नौकरियां देनी हैं। एक करोड़ युवाओं को देश की 500 सबसे बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप देनी है। मुद्रा योजना की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इस बजट में महिला, किसान, युवा, गरीब सब पर जोर दिया गया है।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हमने 4 करोड़ आवास बनाए, जिसमें 3 करोड़ ग्रामीण इलाकों और 1 करोड़ शहरी क्षेत्रों में, अब तीन करोड़ आवास और बनाए जाएंगे। यानी कुल 7 करोड़ आवास, जिसमें मध्यवर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग सब इसके लाभार्थी हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने विपक्ष की प्रतिक्रिया पर कहा कि उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। चुनाव के बाद यह लोग छोटी सी लाल पुस्तक को घुमा रहे थे। इन लोगों ने वह पुस्तक खोलकर भी नहीं पढ़ी, अगर पढ़ी होती तो उसमें तो इन लोगों की निंदा लिखी थी कि जून 1975 में जो इमरजेंसी लगाई है, वह संविधान की भावना के खिलाफ थी। इन लोगों ने बजट भी नहीं पढ़ा है। इनके पढ़े-लिखे लोगों को आराम से बैठकर बजट समझना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नौकरियां देश के सभी युवाओं को मिलेंगी। ग्रामीण विकास के लिए पैसा सभी को मिलेगा। डिफेंस का बजट भी कम नहीं हुआ है, बल्कि 12 प्रतिशत बढ़ गया है। सभी को कुछ ना कुछ मिला है। इसलिए, मल्लिकार्जुन खड़गे को अपने सलाहकार जयराम रमेश के साथ बैठकर एक बार बजट देख लेना चाहिए। इसके बाद उनको यदि किसी तकनीकी सहायता की आवश्यकता होगी, तो हम उनके साथ हैं।
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