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नई दिल्ली: महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और विधान पार्षद भाई जगताप ने चुनाव आयोग पर विवादित टिप्पणी की। इस पर भारतीय जनता पार्टी प्रवक्ता अमित भंडारी ने कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर निशाना साधा है।
अमित भंडारी ने आईएएनएस से कहा, "कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और सोनिया गांधी की सोच अलोकतांत्रिक है। ये लोग भारत के संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते, और यही कारण है कि उन्हें निष्पक्ष लोकतांत्रिक संस्थाएं जैसे सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से चिढ़ है। जब ये संस्थाएं अपने काम को सही तरीके से करती हैं, तो ये आलोचना करते हैं और अभद्र टिप्पणी करते हैं, यहां तक कि वोटर्स को भी नहीं छोड़ते।"
उन्होंने कहा, "ये लोग भूल चुके हैं कि देश में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाया गया संविधान चलता है, जिसमें लोकतांत्रिक संस्थाओं के सम्मान की बात की गई है। इनका (भाई जगताप का) बयान कोई निजी बयान नहीं है, यह राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और सोनिया गांधी के निर्देश पर दिया गया बयान है। कांग्रेस पार्टी को ईवीएम पसंद नहीं आता क्योंकि ईवीएम के जरिए वे चुनाव में धांधली नहीं कर सकते और जनता का जनादेश नहीं चुरा सकते। भाई जगताप के बयान ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आती है, तो वह देश के लोकतंत्र को समाप्त करने की कोशिश करेगी और राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और सोनिया गांधी की तानाशाही को लागू करेगी। इनका यह बयान ईवीएम और चुनाव आयोग के खिलाफ है।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह बात परेशान करती है कि राहुल गांधी को बार-बार रीलॉन्च करने के बावजूद जनता ने उन्हें 89 बार नकारा कर दिया है। जनता अब कांग्रेस को एक भ्रष्ट पार्टी मानती है, जो देशविरोधी तत्वों से मिली हुई है, जबकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों को पसंद करती है। कांग्रेस का रवैया पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और लोकतंत्र के खिलाफ है। इन्हें ईवीएम से समस्या इसलिए है क्योंकि वे बूथों पर कब्जा नहीं कर सकते, बैलेट बॉक्स को कब्जा नहीं कर सकते और जनादेश चुराने में असमर्थ हैं।"
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