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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मंगलवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट हिंदुस्तान के लिए लघु एवं दीर्घ अवधि में बहुत बड़ा फायदा देने वाला है। युवा, महिला, अन्नदाता, गरीब, वंचित सभी का बजट में ध्यान रखा गया है। बजट में नौ सूत्र दिए गए हैं। यह कृषि से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक सभी को बढ़ावा देने वाला बजट है।
वित्त मंत्री खन्ना ने कहा कि अंतरिम बजट में केंद्रीय करों में उत्तर प्रदेश का अंश 2,18,816.84 करोड़ रुपये था, जो पूर्ण बजट में बढ़कर 2,23,737.23 करोड़ रुपये हो गया है। बजट से सोलर पैनल, सोलर सेल, कैंसर की दवाएं, एक्सरे मशीन, मोबाइल फोन, चार्जर, इलेक्ट्रिक वाहन, चमड़े के जूते, चप्पल, पर्स आदि सस्ते होंगे, जिससे आमजन को सीधा फायदा होगा। आयकर अधिनियम, 1961 को सुगम बनाने के लिए छह माह में इसकी समीक्षा की जाएगी। व्यक्तिगत आयकर में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दी गई है। इससे करदाताओं को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किये गये अंतरिम बजट में चार वर्गों गरीब, युवा, महिला एवं अन्नदाता पर फोकस किया गया था। इन्हीं वर्गों पर मुख्य बजट में भी फोकस है। पीएम गरीब कल्याण योजना पांच साल के लिए बढ़ाई गई। वित्त मंत्री ने बजट में 9 प्राथमिकताएं - कृषि क्षेत्र में उत्पादकता एवं लचीलापन, रोजगार एवं कौशल विकास, समावेशी मानव विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएं (मैन्युफैक्चरिंग एवं सर्विसेस), शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा (एनर्जी सिक्योरिटी), अवसंरचना/अवस्थापना सुविधा, नवाचार अनुसंधान एवं विकास, नई पीढ़ी के सुधार - बताई हैं।
सुरेश खन्ना ने कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता एवं लचीलापन लाने के लिए 400 जिलों में फसलों का डिजिटल सर्वे होगा। दलहन-तिलहन की उत्पादकता एवं भंडारण क्षमता बढ़ाई जाएगी एवं तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि क्षेत्र एवं सहायक गतिविधियों के लिए 1.52 लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। रोजगार एवं कौशल विकास के क्षेत्र में राज्यों के साथ मिलकर केंद्र प्रायोजित योजना के माध्यम से युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बजट में ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ की व्यवस्था की गई है। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 10 लाख करोड़ की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे। एक सौ शहरों में या उसके आसपास निवेश के लिए तैयार प्लग एंड प्ले औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का चौथा चरण प्रारंभ किया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्यों को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ब्याज मुक्त ऋण योजना हेतु 1.50 लाख करोड का आवंटन किया गया है।
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