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मध्य प्रदेश के उपचुनाव में मुकाबला रोचक होने के आसार

jantaserishta.com
21 Oct 2024 6:07 AM GMT
मध्य प्रदेश के उपचुनाव में मुकाबला रोचक होने के आसार
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भोपाल: मध्य प्रदेश के दो विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उप-चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों का ऐलान हो चुका है। मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों में नए और पुराने चेहरे शामिल हैं। मुकाबला रोचक होने के आसार हैं।
राज्य में दो विधानसभा क्षेत्रों बुधनी और विजयपुर में उपचुनाव होना है। निर्वाचन आयोग चुनाव कार्यक्रम घोषित कर चुका है। इसके मुताबिक 13 नवंबर को मतदान होगा। भाजपा ने बुधनी से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को मैदान में उतारा है, तो वहीं विजयपुर से कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए मंत्री रामनिवास रावत को मौका दिया है। कांग्रेस ने भी रविवार की देर रात उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। बुधनी से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल को मैदान में उतारा है, तो वही विजयपुर से भाजपा के बागी मुकेश मल्होत्रा को कांग्रेस ने मौका दिया है।
भाजपा की ओर से बुधनी विधानसभा में मैदान में उतारे गए रमाकांत भार्गव विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं, जबकि विजयपुर के उम्मीदवार रामनिवास रावत कांग्रेस के छह बार विधायक रहे हैं। वर्तमान में वे मोहन यादव सरकार में वन मंत्री हैं। कांग्रेस ने बुधनी से राजकुमार पटेल को मौका दिया है, जो पूर्व में दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं और विजयपुर से नए चेहरे मुकेश मल्होत्रा को मैदान में उतारा है। मल्होत्रा ने पिछले चुनाव में भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और उन्हें लगभग 45 हजार वोट मिले थे।
बात बुधनी विधानसभा की करें, तो यहां सवर्ण बनाम पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार बीच लड़ाई है, तो वहीं विजयपुर में पिछड़ा बना आदिवासी उम्मीदवार के बीच मुकाबला है। बुधनी से भाजपा उम्मीदवार रमाकांत भार्गव सामान्य ब्राह्मण वर्ग से हैं और राजकुमार पटेल पिछड़े वर्ग से, वही विजयपुर में रामनिवास रावत पिछड़े वर्ग से आते हैं, जबकि मुकेश मल्होत्रा आदिवासी वर्ग के हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस ने जातीय गणित को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों का चयन किया है। बुधनी का पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिनिधित्व किया है, जो किरार पिछड़े वर्ग से आते हैं और इस विधानसभा क्षेत्र में इस वर्ग की संख्या काफी है, वहीं विजयपुर से आदिवासी वर्ग को। यहां भी आदिवासी मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। भाजपा ने उम्मीदवारों के चयन में बड़े चेहरों को महत्व दिया है। इसलिए मुकाबला रोचक होने के आसार हैं।
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