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चुनाव की तारीखों में बदलाव करने के लिए चुनाव आयोग का धन्यवाद : मोहन लाल बड़ौली
jantaserishta.com
1 Sep 2024 3:18 AM GMT
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सोनीपत: चुनाव आयोग ने शनिवार को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों में बदलाव किया। चुनाव की तारीखों में बदलाव होने पर हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने प्रतिक्रिया जाहिर की।
मोहनलाल बड़ौली ने कहा कि चुनाव की तारीखों का फेरबदल हो चुका है। पहले एक अक्टूबर को मतदान होने था, जिसको लेकर मैंने पत्र के माध्यम से निर्वाचन आयोग से मतदान की तारीख बदलने की अपील की थी और निर्वाचन आयोग ने तिथि में बदलाव किया। अब पांच अक्टूबर को मतदान होगा और आठ अक्टूबर को मतगणना होगी, इसके लिए मैं निर्वाचन आयोग का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।
'भाजपा चुनाव से भाग रही है, इसलिए मतदान की तारीख बढ़ाने की मांग कर रही है', कांग्रेस के इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से ही लोकतंत्र को कमजोर करने का काम किया है। कांग्रेस लोकतंत्र की दुश्मन रही है, कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास नहीं करने वाली पार्टी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कभी भी इस प्रकार की सोच नहीं रखी कि ज्यादा से ज्यादा मतदान का प्रयोग करें। कांग्रेस ने लोकतंत्र को खत्म करते हुए देश में इमरजेंसी तक लगाने का काम किया है, और यही कांग्रेस पार्टी की सोच है, यही उनकी मंशा है। दूसरी तरफ भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली पार्टी है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख में बदलाव किया है। निर्वाचन आयोग ने हरियाणा में एक चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख बदलकर 5 अक्टूबर कर दी है। इससे पहले मतदान 1 अक्टूबर को होना था। अब वहां एक अक्टूबर की जगह 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी।
चुनाव आयोग ने बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार का हवाला देते हुए शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना की तारीख 8 अक्टूबर कर दी है।
चुनाव आयोग की तरफ से घोषणा की गई, "यह निर्णय बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है, जिन्होंने अपने गुरु जम्भेश्वर की स्मृति में आसोज अमावस्या उत्सव मनाने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है। इससे बड़ी संख्या में लोग मतदान के अधिकार से वंचित रह सकते हैं, साथ ही इससे हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी कम हो सकती है।"
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