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दिल्ली पुलिस का निलंबित कांस्टेबल हत्या के मामले में गिरफ्तार

jantaserishta.com
24 Aug 2024 3:35 AM GMT
दिल्ली पुलिस का निलंबित कांस्टेबल हत्या के मामले में गिरफ्तार
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ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-2 पुलिस और स्वाट टीम ने फ्लैट खरीदने के विवाद में एक व्यक्ति की हत्या करने के आरोप में दिल्ली पुलिस के एक निलंबित कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है। उसके पास से हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया हथौड़ा भी बरामद हुआ है।
पुलिस ने हत्या करने वाले अभियुक्त प्रवीण को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर एलजी गोल चक्कर से शारदा गोल चक्कर के बीच टी-सीरीज की खाली पड़ी जमीन की झाड़ियों से गुमशुदा अंकुश शर्मा का शव भी बरामद किया है।
पुलिस ने बताया कि अभियुक्त प्रवीण वर्ष 2004 में दिल्ली पुलिस में आरक्षी पद पर भर्ती हुआ था और अभी बीते कई महीनों से निलंबित चल रहा था। प्रवीण ने ब्रोकर संचित के माध्यम से एक फ्लैट खरीदने के लिए सम्पर्क किया, जिस पर ब्रोकर ने उसकी मुलाकात अंकुश शर्मा से करवाई थी। 20 फरवरी को मुलाकात में मामला 1 करोड़ 18 लाख रुपये में तय हुआ था, जिसमें 88 लाख रुपये 'ए' पेमेंट और 30 लाख रुपये कैश 'बी' पेमेंट में देना तय हुआ था। प्रवीण ने 51,000 रुपये टोकन मनी के रूप में अंकुश शर्मा के खाते में ऑनलाइन ट्रान्सफर कर दिये। उसके बाद उसने एक बार पांच लाख और फिर दो लाख रुपये 14 मार्च को अंकुश के खाते में ट्रांसफर किये और एक एग्रीमेंट दोनों ने साइन कर लिया।
पुलिस ने बताया है कि 27 अप्रैल को टीएम प्रोसेस शुरू हुआ और 10 मई को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से टीएम लेटर प्राप्त हो गया। उसके बाद अंकुश कनाडा चला गया। जिस कारण रजिस्ट्री नहीं हो सकी जुलाई के प्रथम सप्ताह में अंकुश कनाडा से वापस आया और अपने फ्लैट की एग्रीमेंट से ज्यादा 20 लाख रुपये की डिमांड की तो प्रवीण ने मना कर दिया। टीएम की डेट एक्सपायर होने वाली थी जिस कारण प्रवीण परेशान था। उधर अंकुश भी बार-बार पैसों की डिमांड कर रहा था। दोनों के बीच 5 अगस्त को 11 लाख रुपये और देने का मामला तय हुआ। लेकिन प्रवीण के पास पैसे नहीं थे।
इसके बाद प्रवीण ने अंकुश को मारने की योजना बनाई और उसको पैसे देने के नाम पर 9 अगस्त को बुलाया। प्रवीन ने अंकुश की लस्सी में बेहोशी की गोलियां मिला दीं। अंकुश के बेहोश होने पर प्रवीण ने उसके सिर पर हथौड़े से कई वार कर उसे मार दिया और शव को छिपा दिया।
अंकुश के परिजनों ने 10 अगस्त को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी। सीसीटीवी फुटेज में अंतिम बार मृतक को प्रवीण के साथ देखे जाने के आधार पर पूछताछ की गई। अभियुक्त प्रवीण द्वारा गुमशुदा की हत्या कर देने की घटना प्रकाश में आई।
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