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कोलंबो: श्रीलंका के नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के नेता 55 वर्षीय अनुरा कुमारा दिसानायके देश के पहले वामपंथी राष्ट्राध्यक्ष बन सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के शुरुआती रुझानों से मिले संकेतों के आधार पर यह अटकलें लगाई जा रही हैं।
डेली मिरर के अनुसार, यदि उनकी बढ़त बरकरार रहती है तो चुनाव आयोग द्वारा औपचारिक घोषणा के बाद रविवार को दिसानायके को श्रीलंका के 9वें कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाए जाने की उम्मीद है।
सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री तिरान एलेस के अनुसार, चल रही मतगणना के मद्देनजर श्रीलंका ने रविवार दोपहर तक कर्फ्यू बढ़ा दिया है। पहले कर्फ्यू शनिवार रात 10 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक लगाया गया था।
पुलिस ने कहा कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद शांतिपूर्ण स्थिति के बावजूद सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने यह कदम उठाया है। पुलिस के अनुसार, राष्ट्रपति ने सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कर्फ्यू लागू किया। इसके अतिरिक्त, सरकार ने सोमवार (23 सितंबर) को विशेष सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, जिसकी पुष्टि लोक प्रशासन और गृह मंत्रालय के सचिव प्रदीप यासरथने ने की है।
द्वीप राष्ट्र के सबसे खराब आर्थिक संकट के बाद होने वाले इस बहुप्रतीक्षित चुनाव में कुल 39 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा (समागी जन बालवेगया) पार्टी से और मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी) शामिल हैं। चुनाव के नतीजों पर क्षेत्र में उत्सुकता से नजर रखी जा रही है।
कुल 22 मिलियन की आबादी में से 17,140,350 श्रीलंकाई इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र थे। इसमें 1.2 मिलियन नए मतदाता शामिल थे। शनिवार को देशभर के 3,421 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और शाम 4 बजे समाप्त हुआ।
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