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बिहार में बाढ़ से हाल बेहाल, नित्यानंद राय के नेतृत्व में बैठक, बनाया एक्शन प्लान
jantaserishta.com
30 Sep 2024 3:47 AM GMT
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पटना: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बिहार में आई बाढ़ के मद्देनजर बैठक की। बैठक में बाढ़ प्रभावित लोगों तक कैसे राहत सामाग्री पहुंचाई जाए, इस दिशा में प्लान तैयार किया।
उन्होंने कहा, “बिहार सरकार तत्परता के साथ बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पहले ही पूरी तैयारी कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दीं।”
उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में एनडीआरएफ टीम की अहम भूमिका होती है। लोगों का विश्वास इस टीम पर है। बिहार के लोग इस टीम का पूरा सहयोग देने के लिए तैयार रहते हैं। अभी तक 8 टीमें रिजर्व हैं और 11टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेज दिया गया है। पूर्वी बिहार के कई इलाकों में एनडीआरएफ की टीम मुस्तैदी से तैनात है। कोसी और गंडक प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ मुस्तैद है।”
उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि एनडीआरएफ हर स्थिति में लोगों का रेस्क्यू करने के लिए तैयार है। एनडीआरएफ की टीम के साथ मेडिकल के भी एक्सपर्ट होते हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ बिहार सरकार के संपर्क में हैं। शासन से निर्देश मिलने के बाद ही कोई भी कदम उठाया जा रहा है। मैं बिहार के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि आप लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। बिहार सरकार के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम आप लोगों की मदद करने के लिए तैयार है। आप बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए। जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते हैं, तब तक हम आप लोगों के साथ हाथ से हाथ मिलाकर रहेंगे।”
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार की नजर बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों पर है। बाढ़ग्रस्त जिलों में एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात हैं। इसके अलावा, कई टीमों को रिजर्व रखा गया है। अगर कहीं आपातकालीन स्थिति पैदा हुई, तो उन्हें फौरन मौके पर बुलाया जा सके।”
उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ने पर केंद्रीय टीम बिहार के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करेगी और बाढ़ प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने की दिशा में कदम उठाएगी। बाढ़ प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की तरफ से 11,500 करोड़ रुपये देने का ऐलान भी किया गया है।”
बता दें कि नेपाल द्वारा बारिश का पानी बिहार की तरफ छोड़े जाने से राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो चुके हैं। गंडक और कोसी नदी उफान पर है। कई जिलों में लोगों का जीना दूभर हो चुका है। लोगों के घरों तक में पानी समा चुका है।
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