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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को बार-बार उठाकर नए-नए आरोप लगाना देश के लिए अच्छा नहीं है। हमारे समाज में भाईचारे की जरूरत है, और सभी को एक साथ शांतिपूर्वक रहना चाहिए। अब समय है भविष्य के बारे में सोचने का, ना कि बार-बार इतिहास के मामलों पर समय बर्बाद करने का।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मेरे विचार में, इस तरह की घटनाएं हमारी राजनीति के लिए ठीक नहीं हैं। इस मुद्दे को उठाना नया नहीं है, क्योंकि 1991 में ही 'प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट' के तहत इस सबको सुलझा लिया गया था। हमें यह समझना चाहिए कि इतिहास में बहुत सारी घटनाएं हुई हैं, लेकिन अब उन्हें बार-बार उठाकर नए-नए आरोप लगाना देश के लिए अच्छा नहीं है। हमारे समाज में भाईचारे की ज़रूरत है, और सभी को एक साथ शांतिपूर्वक रहना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "अब समय है कि भविष्य के बारे में सोचने का, ना कि बार-बार इतिहास के मामलों पर समय बर्बाद करने का। कृपया इस प्रकार के मुद्दे उठाकर हमारे देश के समाज को नष्ट मत कीजिए। बेहतर है कि इस विषय को तूल नहीं दिया जाए। अगर यह मुद्दा उठाया ही है तो यह देखना चाहिए कि लोग जो मरे हैं, उनके परिवारों से मिलकर हालात का जायज़ा लें। इसका मतलब है कि जिनकी ज़िम्मेदारी है, वे अपने काम सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। क्या कानून और व्यवस्था को बनाए रखना इतना कठिन है कि एक राजनेता के वहां जाने से सब कुछ गड़बड़ हो जाएगा?"
उन्होंने कहा, "यह स्थिति ठीक नहीं थी, उन्हें यह मामले शांतिपूर्वक सुलझाने चाहिए थे। अगर वे संसद में वापस आएं, तो आप उनसे इस बारे में सवाल कर सकते हैं। फिलहाल, मुझे तो जो हुआ, वह उचित नहीं लगता।"
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