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रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में लगे सोने के बारे में जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि मंदिर में सोना घोटाला हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया है कि 228 किलो सोना गायब किया गया है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अब केदारनाथ धाम के नाम पर दिल्ली में मंदिर बनाया जाना सरासर गलत है।
केदारनाथ मंदिर को वर्ष 2022 में स्वर्णमंडित किया गया था। उस दौरान भी तीर्थ पुरोहित समाज ने आरोप लगाया था कि मंदिर के गर्भगृह में सोने की जगह तांबा लगाया गया है। लेकिन तब यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। हालांकि बद्री-केदार मंदिर समिति की ओर से इस मामले में कई बार बयान जारी किया गया, और आरोपों को निराधार बताया गया।
केदारसभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने भी शंकराचार्य की बातों की समर्थन किया है। उनका कहना सत्य है कि “केदारनाथ धाम में लगाये गए सोने में गड़बड़ी हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए“।
वहीं, शंकराचार्य के बयान के बाद बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा, “मैं इस बहस में नहीं पड़ना चाहता हूं कि वह शंकराचार्य हैं कि नहीं, लेकिन वह संत होने के नाते सही बयानबाजी करें। इतनी प्रेस वार्ता कोई राजनेता भी नहीं करता है, जितनी वह कर रहे हैं, और प्रेस वार्ता से कुछ न कुछ विवाद खड़ा कर रहे हैं।“
उन्होंने कहा, “उनके पास यदि कोई साक्ष्य है, तो वह सबके सामने पेश करें। मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कराने में प्रदेश सरकार और मंदिर समिति का कोई योगदान नहीं हैं। जिस दानदाता ने मंदिर को स्वर्ण मंडित किया है, उन्होंने अपने ज्वैलर्स के माध्यम से केदारनाथ मंदिर में सोना पहुंचाया। जो सोना केदारनाथ धाम के गर्भगृह में लगा है, वह चांदी की लेयर में लगा है और इसमें 23 किलोग्राम सोना है।“
इस पूरे मामले पर कांग्रेस जिला प्रवक्ता नरेंद्र बिष्ट ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “पिछले एक साल से कांग्रेस इस सोने के मुद्दे को उठा रही है, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।“
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