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माघ माह के पहले आज गुरुवार को करें इस आरती का पाठ, पूरे होंगे सभी मनोरथ

Subhi
20 Jan 2022 1:45 AM GMT
माघ माह के पहले आज गुरुवार को करें इस आरती का पाठ, पूरे होंगे सभी मनोरथ
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माघ माह में भगवान विष्णु का पूजन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस माह में गंगा स्नान, भगवान सूर्य और भगवान विष्णु के पूजन का विधान है। जो लोग माघ माह में संगम तट पर कल्पवास करते हैं

माघ माह में भगवान विष्णु का पूजन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस माह में गंगा स्नान, भगवान सूर्य और भगवान विष्णु के पूजन का विधान है। जो लोग माघ माह में संगम तट पर कल्पवास करते हैं वो विष्णु जी के सत्यनारायण रूप का पूजन करते हैं। कल माघ माह का पहला गुरुवार है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु के पूजन को विशेष रूप से समर्पित होता है। इस दिन विधि पूर्वक भगवान विष्णु का व्रत और पूजन करना चाहिए। गुरुवार को व्रत रखते हुए विष्णु जी की व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। पूजन में विष्णु जी को चने की दाल, गुड़ और हल्दी चढ़ानी चाहिए। साथ ही इस दिन पीले रंग की वस्तुओं का दान करना अक्षय फल प्रदान करता है। पूजन के अंत में श्री हरि विष्णु की आरती की जाती है। ऐसा करने से भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

भगवान विष्णु की आरती

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।

भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।

सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥

ओम जय जगदीश हरे...॥

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।

तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥

ओम जय जगदीश हरे...॥

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी।


पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ओम जय जगदीश हरे...॥

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ओम जय जगदीश हरे...॥

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥

ओम जय जगदीश हरे...॥

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ओम जय जगदीश हरे...॥


विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥

ओम जय जगदीश हरे...॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥

ओम जय जगदीश हरे...॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥

ओम जय जगदीश हरे...॥



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