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आरबीआई लाने जा रहा यूएलआई सिस्टम, एमएसएमई और कृषि क्षेत्र को लोन देने में आएगी तेजी

jantaserishta.com
26 Aug 2024 10:39 AM GMT
आरबीआई लाने जा रहा यूएलआई सिस्टम, एमएसएमई और कृषि क्षेत्र को लोन देने में आएगी तेजी
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बेंगलुरु: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) राष्ट्रीय स्तर पर यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। यह यूपीआई की तरह ही होगा, जो कि अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण सेक्टर जैसे कृषि और एमएसएमई को लोन देने का कार्य करेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से सोमवार को यह जानकारी दी गई।
ग्लोबल क्रॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि आरबीआई की ओर से पायलट प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। अनुभव के आधार पर सही समय पर यूएलआई सिस्टम को लॉन्च किया जाएगा।
दास की ओर से कहा गया कि यूपीआई ने पूरे पेमेंट सिस्टम को बदल दिया है। ऐसी ही उम्मीद हम यूएलआई सिस्टम से कर रहे हैं। जेएएम-यूपीआई-यूएलआई भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर यात्रा में अहम भूमिका निभाने वाले हैं।
दास ने आगे कहा कि बैंकिंग सिस्टम में डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने के लिए आरबीआई की ओर से पिछले साल क्रेडिट देने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च किया गया था। इसमें व्यक्ति की अनुमति के आधार पर डिजिटल इन्फॉरमेशन को उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें कई राज्यों के जमीनों के रिकॉर्ड, मल्टीपल डेटा प्रोवाइडर्स से लोन देने वाली कंपनियों को डेटा उपलब्ध कराना शामिल है। इससे छोटे और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को लोन देने के समय में कमी आएगी।
उन्होंने आगे कहा कि यूएलआई आर्किटेक्ट में सामान्य और स्टैंडर्ड एपीआई है और इसमें विभिन्न स्रोतों से आने वाली जानकारी तक पहुंचने के लिए 'प्लग और प्ले' अप्रोच का इस्तेमाल किया गया है। इससे तकनीकी तौर पर काफी सारी खामियां दूर होती हैं और इससे आसानी से लोन लेने वाले व्यक्ति को बिना किसी लंबे प्रोसेस के लोन मिल जाता है।
जनधन अकाउंट, आधार और मोबाइल फोन, जिसे जेएएम त्रिमूर्ति के रूप में जाना जाता है, यह भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधार है। जेएएम के तहत की गई पहल के 67 प्रतिशत लाभार्थी ग्रामीण इलाकों से हैं और इनमें से 55 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
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