अन्य
पीवी सिंधु, भारतीय की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी, जिन्होंने 28 अगस्त को दर्ज की थी खास उपलब्धि
jantaserishta.com
28 Aug 2024 4:08 AM GMT
x
नई दिल्ली: भारतीय खेल इतिहास में 28 अगस्त का दिन काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन पी.वी. सिंधु ने बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था।
पीवी सिंधु जिनका पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है, ने भारत को बैडमिंटन के विश्व मानचित्र पर स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ियों की बेटी सिंधु ने आठ साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया। भारतीय बैडमिंटन के दिग्गज पुलेला गोपीचंद के मार्गदर्शन में, उनकी प्रतिभा निखरने लगी और उन्होंने जूनियर स्तर पर कई खिताब जीते।
उन्होंने 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला सिंगल्स में कांस्य पदक जीता और उसी साल वह उस टीम का भी हिस्सा थीं जिसने वर्ल्ड विमेंस टीम चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया था। सिंधु ने 2016 के रियो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए सिल्वर मेडल जीता था। वह फाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार गईं थी, लेकिन उनका सिल्वर मेडल भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित हुआ। वह ओलंपिक में बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
यहां से पीवी सिंधु एक लीजेंड बन चुकी थीं। अगले साल यानी 2017 में उन्होंने 28 अगस्त के ही दिन वर्ल्ड चैंपियनशिप में फिर से सिल्वर मेडल जीता था। सिंधु के लिए यह उपलब्धि काफी खास थी क्योंकि वह पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थीं। उस ऐतिहासिक फाइनल में, उनको अपनी पुरानी प्रतिद्वंद्वी जापान की नोजोमी ओकुहारा से हार मिली थी।
पीवी सिंधु 2018 में फिर से फाइनल में पहुंचीं। इस बार कैरोलिना मारिन ने उनको हराया। सिंधु को फिर से सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। आखिरकार 2019 में गोल्ड मेडल का तिलिस्म भी टूट गया। यह पीवी सिंधु का लगातार तीसरा विश्व चैंपियनशिप फाइनल था। इस बार उन्होंने ओकुहारा को 38 मिनट में हराकर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनी थीं। सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भी कांस्य पदक जीता है।
jantaserishta.com
Next Story