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बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लोकायुक्त को पत्र भेजने और रिपोर्ट को चुनिंदा मीडिया में लीक करने को लेकर गंभीर आरोप लगाए। प्रियंक खड़गे ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह सब राजनीतिक मंशा से किया जा रहा है और यह कार्रवाई पूरी तरह से केंद्र सरकार के दबाव में की जा रही है।
प्रियांक खड़गे ने कहा कि ईडी अब एक गुलाम निदेशालय बन चुका है। ईडी की ओर से लगाए गए तमाम आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। सबसे पहले, यह समझने की जरूरत है कि ईडी के पास यह अधिकार कैसे आया कि वह नोटिफिकेशन, सेल डीड, गिफ्ट डीड और अपराध की आय पर बात करे। उन्होंने कोई ठोस जांच नहीं की है और जो भी रिपोर्ट सामने आई है, वह पूरी तरह से बनावटी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने जानबूझकर रिपोर्ट को लोकायुक्त और मीडिया में लीक किया है। रिपोर्ट का समय खुद ही सवाल खड़ा करता है। कल उच्च न्यायालय में एक महत्वपूर्ण मामला है और आज यह रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई। यह साफ-साफ दिखाता है कि ईडी का इरादा केवल राजनीतिक नुकसान पहुंचाना है।
मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पीएमएलए और ईसीआईआर मामले मीडिया में सार्वजनिक हो जाते हैं, लेकिन भाजपा नेताओं के मामलों पर चुप्पी साधी जाती है। उन्होंने सवाल किया कि हिमंत बिस्वा शर्मा, अजित पवार जैसे नेताओं के मामले मीडिया में क्यों नहीं आते? उन्होंने दावा किया कि यह सब भाजपा की अंदरूनी राजनीति और कमजोरियों को छुपाने के लिए किया जा रहा है। कर्नाटक में भाजपा के अंदर ही घमासान मचा हुआ है, भाजपा नेताओं के बीच झगड़ा सार्वजनिक हो गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन मुद्दों से निपटने के लिए कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर कार्रवाई करेगी। लोग पहले ही भाजपा को चुनावों में करारा जवाब दे चुके हैं। उन्होंने रिपोर्ट के तथ्यों पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह सिर्फ अफवाहों और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है। ऐसा लगता है कि ईडी ने बिना किसी ठोस जांच के ही रिपोर्ट तैयार कर दी है।
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