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चंपई सोरेन की जासूसी करने के खुलासे पर झारखंड में सियासी बवाल, भाजपा ने जांच की मांग की

jantaserishta.com
28 Aug 2024 8:56 AM GMT
चंपई सोरेन की जासूसी करने के खुलासे पर झारखंड में सियासी बवाल, भाजपा ने जांच की मांग की
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रांची: झारखंड के पूर्व सीएम और हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री चंपई सोरेन की झारखंड पुलिस के जरिए जासूसी का खुलासा होने के बाद सियासी बवाल मच गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले की जांच कराने के लिए हाईकोर्ट के जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की मांग की है।
झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि हेमंत सरकार द्वारा स्पेशल ब्रांच के माध्यम से चंपई सोरेन की जासूसी करना निजता और सुरक्षा से जुड़ा बेहद संवेदनशील मामला है।
उन्होंने इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "चंपई दादा का हनी ट्रैप कराने के लिए किसी महिला को भी लगाए जाने का आरोप की बात आ रही है। लगता है हेमंत जी का इतना नैतिक पतन हो गया है कि सत्ता पाने के लिए पिता समान चंपई दादा, लोबिन हेंब्रम, मां समान सीता सोरेन भाभी तो क्या अपने परिवार के भी किसी व्यक्ति की बलि लेने से परहेज़ नहीं करेंगे।"
मरांडी ने इसे सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का उदाहरण बताते हुए कहा, "यह प्रकरण प्रमाणित करता है कि चंपई जी के झामुमो छोड़ने से हेमंत सोरेन कितने असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हेमंत सोरेन डरे हुए हैं। जब उनको एहसास हो गया है कि वे अब अपने दम पर चुनाव जीत कर नहीं आ रहे तो वह सरकारी पैसे और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग अपना राजनीतिक हित साधने के लिए कर रहे हैं।"
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिस किसी के भी आदेश से मंत्री चंपई सोरेन समेत अन्य राजनीतिक लोगों की जासूसी करवाई जा रही है, सरकार उसे तुरंत निलंबित करे।
झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी इसे सनसनीखेज और संविधान विरोधी कृत्य बताया है।
उन्होंने कहा, "चंपई सोरेन जी की अपनी ही सरकार पिछले कई महीनों से जासूसी कर रही थी। स्पेशल ब्रांच के दो अधिकारियों को उनका पीछा करते दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में पकड़ा है, जिन्होंने उच्च अधिकारियों व राजनेता के निर्देश पर ऐसा करने की बात कबूली है। हैरानी की बात यह है कि इस प्रकरण में एक महिला के भी संलिप्त होने की बात सामने आयी है। ऐसा तो मुगल काल में होता था जब लोग सत्ता के लिए अपने सगे सम्बन्धियों तक की बलि चढ़ाने को तैयार रहते थे। क्या झारखंड में एक परिवार "संविधान व संस्थानों" से भी बड़ा हो गया है।
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