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बिहार की जनता जानती है कि नौकरी किसने दी : मंत्री विजय चौधरी

jantaserishta.com
9 July 2024 3:54 AM GMT
बिहार की जनता जानती है कि नौकरी किसने दी : मंत्री विजय चौधरी
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पटना: एनडीए शासित बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने सरकारी नौकरी को लेकर तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। इसके अलावा उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर भी अपनी बात रखी।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नौकरी देने के सवाल पर विजय चौधरी ने कहा, "वो इसलिए ऐसा बोलते हैं क्योंकि आप लोग उनका प्रचार करते हैं। कौन नहीं जानता कि नौकरी किसने दी। जहां तक दावा करने की बात है, तो दावा तो कोई भी कर सकता है, लेकिन नौकरी किसने दी यह बिहार की जनता समझती है। उसके बाद से नौकरी जो मिल रही है वह कौन दे रहा है। और उसके पहले जो नौकरी मिली थी, वह किसने दी थी।
विजय चौधरी ने आगे कहा, "सरकार की तरफ से तो नौकरी को लेकर लगातार आंकड़े पेश किए गए हैं। जो 10 लाख नौकरी का दावा था और अभी तक का जो प्रोजेक्शन है, उसके मुताबिक अगले साल तक लगभग 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी जाएगी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा था, वह तो दोगुनी से अधिक लोगों को यानी 22 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। अगर इसमें कोई दावा कर रहा है तो दावा करने से कोई रोक सकता है क्या ?"
इसके अलावा बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने आगामी बजट और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के सवाल पर भी अपनी बात रखी। आगामी बजट को लेकर बिहार को केंद्र से क्या उम्मीदें हैं, इस सवाल के जवाब में मंत्री विजय चौधरी ने कहा, "बिहार को लेकर हमारी मांग तो विशेष राज्य का दर्जा है। लेकिन यह भी बात हम लोग मानते हैं और सरकार मानती है कि हम लोग तो विशेष सहायता के हर सूरत में हकदार हैं। आप देखिए कि हमारे जो सीमित संसाधन हैं उसमें हमने तरक्की की रफ्तार जो बनाई है, वह पूरा देश देख रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "सब लोग मान रहे हैं कि आज विकसित प्रदेशों से किसी भी मामले में हमारी प्रगति की दर कम नहीं है। बल्कि कई मामलों में हम सबसे आगे हैं। लेकिन इस हालत में भी हम लोग गरीब हैं। हम तेज गति से प्रगति करने वाले प्रदेश में से एक हैं फिर भी हम गरीब हैं। इससे पता चलता है कि बिहार को विशेष सहायता की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि हम अपने कारण से पिछड़े हुए हैं। हमारे पास संसाधन की कमी है। अगर संसाधन विहीन कोई प्रदेश है, तो उसको संसाधन मुहैया कराना यही तो हम मांग रहे हैं। यही तो हम मांग रहे हैं।"
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