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अति आत्मविश्वास घातक, जनता के बीच रहें व संवाद-समन्वय बनाए रखें : मुख्यमंत्री योगी

jantaserishta.com
24 Aug 2024 2:47 AM GMT
अति आत्मविश्वास घातक, जनता के बीच रहें व संवाद-समन्वय बनाए रखें : मुख्यमंत्री योगी
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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कार्यकर्ता अतिआत्मविश्वास से बचें। आमजन के बीच रहकर संवाद और समन्वय अवश्य स्थापित करें। केंद्र व प्रदेश सरकार ने बिना भेदभाव के हर वर्ग के लिए शासन की योजनाएं उपलब्ध कराई हैं। सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की जानकारी देकर मतदाताओं से भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट की अपील करें। सभी को अपनी टीम में 10-10 व्यक्तियों को जोड़कर बूथ पर डेरा डाल देना है । 'बूथ जीता चुनाव जीता' ही जीत का मूल मंत्र है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर कार्यकर्ता बैठक की। सीएम ने सभी मोर्चा व प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से संवाद किया। सीएम ने पहले सभी पदाधिकारियों की सुनी, फिर गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव में फतह का मूल मंत्र दिया। सीएम ने कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया कि बूथ पर काम करें। बूथ जीत गए तो चुनाव जीत गए। सीएम ने वोटर लिस्ट की चर्चा की और कहा कहा क‍ि वोटर लिस्ट को लेकर संजीदा रहें। वोटर लिस्ट फाइनल होने तक इसका पुनरीक्षण करते रहें।
सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कोई भी मतदाता वोट देने से वंचित न रहे, इसके लिए घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करें और उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही समस्त लाभकारी योजनाओं के बारे में बताएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आरक्षण व संविधान के मुद्दे पर विपक्ष ने खूब अफवाह फैलाई। उपचुनाव में विपक्षी दल फिर वोट मांगने आएंगे, उनके नेताओं से पूछिए कि आखिर एक-एक लाख कहां हैं। अपने वोट के जरिए उनके झूठ का पर्दाफाश कीजिए। सपा-कांग्रेस ने आमजन को गुमराह करने की कोशिश की है। उनके झूठ का पर्दाफाश होना चाहिए। वहीं आमजन को भी बताइए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान की मूल प्रति को सिर पर रखकर संसद तक गए थे। उन्होंने समाज के हर वर्ग के लिए विकास किया है।
सीएम ने भाजपा के सभी मोर्चा के अध्यक्षों व प्रकोष्ठों के संयोजकों से संवाद साधा। मोर्चा के पदाधिकारियों से पूछा कि क्या काम कर रहे हैं और क्या करना चाहिए। युवा, महिला मोर्चा समेत व्यापार, श्रम, आर्थिक प्रकोष्ठ, लघु उद्योग, शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ, विधि समेत 22 प्रकोष्ठों के संयोजकों ने अपनी बातें रखीं।
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