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नोएडा: पब-बार में नाइट विजन कैमरा लगाने के निर्देश, शराब मिक्सिंग पर होगी करवाई

jantaserishta.com
10 Jun 2024 5:16 AM GMT
नोएडा: पब-बार में नाइट विजन कैमरा लगाने के निर्देश, शराब मिक्सिंग पर होगी करवाई
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नोएडा: उत्तर प्रदेश के शो विंडो गौतमबुद्ध नगर के मॉल और मिनी कनॉट प्लेस कहे जाने वाले सेक्टर-18 में बड़ी संख्या में पब-बार हैं। इनमें अक्सर मारपीट, लड़ाई-झगड़ा जैसी घटनाएं होती हैं। अब पुलिस इन मामलों को लेकर सख्त हो गई है। बीती रात नोएडा के मॉल और कई पब-बार में पुलिस के एडीसीपी-एसीपी समेत कई पुलिसकर्मियों ने जाकर उनका निरीक्षण किया। इस दौरान सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे और बार में नाइट विजन कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इन नाइट विजन कैमरा का डाटा भी करीब एक महीने तक संचालकों को रखना पड़ेगा।
बीती रात गार्डन गैलेरिया/एंटरटेनमेंट सिटी मॉल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान बार तथा रेस्टोरेंट संचालकों के साथ बैठक भी की गई। इसमें एडीसीपी मनीष मिश्र, एसीपी नोएडा प्रथम प्रवीण कुमार सिंह, सेक्टर-39 थाना प्रभारी और आबकारी निरीक्षक की मौजूदगी में मॉल में मौजूद बार एंड रेस्टोरेंट के संचालकों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए। सभी रेस्टोरेंट के संचालकों को किसी भी छोटी या बड़ी घटना के संबंध में तत्काल चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी को सूचित करने का निर्देशित दिया गया।
रेस्टोरेंट के अंदर सुरक्षा संबंधी सभी उपकरण जिसमें फायर सेफ्टी, इमरजेंसी एग्जिट गेट की व्यापक व्यवस्था हो। सभी बार रेस्टोरेंट को अवगत कराया गया कि मानकों के अनुरूप सभी रेस्टोरेंटों को खोला और बंद किया जाए। किसी भी प्रकार झगड़ा या घटना होने पर तत्काल चौकी प्रभारी अवगत कराने के निर्देश दिए गए।
सभी बार रेस्टोरेंट को निर्देशित किया गया है कि किसी भी प्रकार की शराब मिक्सिंग न होने पाए। यदि ऐसी शिकायत प्राप्त होती है तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अक्सर देखा गया है कि चोरी-छिपे शराब में अधिक एल्कोहल बेस बना दिया जाता है जिससे पार्टी में आए लोग आपे से बाहर हो जाते हैं। इस कारण लड़ाई-झगड़े होते हैं। ऐसे में शराब मिक्सिंग न करने की हिदायत दी गई है।
पुलिस ने निर्देश दिया है कि सभी बार एवं रेस्टोरेंट के अंदर नाइट विजन सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। एक माह की रिकॉर्डिंग भी रखनी होगी। मानकों के अनुसार ही काम किया जाए। बार एवं रेस्टोरेंट में लगे साउंड सिस्टम उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के मानक के अनुरूप चलाए जाएं।

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