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निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी सातवां बजट, बड़े सुधारों की उम्मीद

jantaserishta.com
23 July 2024 4:57 AM GMT
निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी सातवां बजट, बड़े सुधारों की उम्मीद
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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (मंगलवार) अपना सातवां बजट पेश करेंगी। केंद्रीय बजट में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के रोडमैप की झलक दिख सकती है।
बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण मंगलवार दोपहर को वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन, वित्त मंत्रालय के सचिवों और सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगी।
केंद्रीय बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अधिक आवंटन, टैक्स सुधार, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना, स्थानीय विनिर्माण पर जोर, नौकरी, कौशल सृजन और अधिक श्रम आधारित क्षेत्रों समेत कई बिंदुओं पर जोर देखने को मिल सकता है।
बजट में इस बात की संभावना है कि सभी क्षेत्रों में करदाताओं को लाभ पहुंचाने और देश में कारोबार करने में सुगमता में सुधार लाने के लिए आयकर ढांचे में बदलाव किए जाने की भी संभावना है। मूडीज एनालिटिक्स के अनुसार, बजट से पूंजीगत खर्च बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पारंपरिक आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ नई अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2024-25 के लिए 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, मुख्य आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन के अनुसार, भारत के लिए सात प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर हासिल करना संभव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, आर्थिक सर्वे हमारी अर्थव्यवस्था की मौजूदा ताकत को रेखांकित करता है और सरकार द्वारा लाए गए विभिन्न सुधारों के परिणामों को भी दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आर्थिक सर्वेक्षण विकास और प्रगति के क्षेत्रों की भी पहचान करता है। हम एक ‘विकसित भारत’ के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।"
सरकार के पूंजीगत खर्च पर जोर और निजी निवेश में निरंतर गति से पूंजी निर्माण में वृद्धि हुई है। 2023-24 में सकल स्थिर पूंजी निर्माण में वास्तविक रूप से नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के पथ में गैर-कृषि क्षेत्रों के महत्व को भी रेखांकित किया है।
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