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निखत जरीन का भारत लौटने पर स्वागत, कहा, 'मैं मजबूत होकर वापसी करूंगी'

jantaserishta.com
6 Aug 2024 3:42 AM GMT
निखत जरीन का भारत लौटने पर स्वागत, कहा, मैं मजबूत होकर वापसी करूंगी
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पेरिस: भारतीय महिला मुक्केबाज निखत जरीन का पेरिस ओलंपिक से भारत लौटने पर शमशाबाद में एयरपोर्ट पर स्वागत किया गया। पेरिस ओलंपिक में भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीदों में एक निखत जरीन का अभियान प्री-क्वार्टर फाइनल तक ही रहा था। ओलंपिक में निखत को महिलाओं के 50 किग्रा राउंड ऑफ 16 में 5-0 से हार मिली थी। अब निखत स्वदेश लौट आई हैं।
इस अवसर पर निखत का माला और शाल पहनाकर स्वागत किया गया। इस दौरान निखत ने कहा, "मुझे ओलंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। मैंने कड़ी मेहनत की और मैं मजबूत होकर वापसी करूंगी। मैं अपनी गलतियों से सबक लूंगी। मैं तेलंगाना सरकार का भी धन्यवाद अदा करना चाहती हूं।"
निखत जरीन ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट में ओलंपिक पदक जीतने के अपने सपने की विफलता पर गहरा दुख व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत, त्याग और अटूट दृढ़ संकल्प के बावजूद वह अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर सकीं।
निखत ने पोस्ट में लिखा, “यह मेरी अब तक की सबसे कठिन हार है, जो बहुत गहरी चोट पहुंचाती है और लगभग असहनीय है। मेरा दिल चोटिल हुआ है लेकिन टूटा नहीं है। मैं हार स्वीकार करती हूं और अपने जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता खोजने की पूरी कोशिश करूंगी।”
पेरिस ओलंपिक के लिए अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए उन्होंने पोस्ट में आगे कहा, "ओलंपिक पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना था और मैंने इसे हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। पेरिस 2024 की यात्रा चुनौतियों से भरी रही। एक साल की चोट से लड़ना, अपनी जगह वापस पाने के लिए संघर्ष करना, प्रतिस्पर्धा करने के अवसर के लिए लड़ना और देश का प्रतिनिधित्व करने के मौके के लिए कई बाधाओं को पार करना पड़ा।"
निखत ने आगे कहा, "मैं अपने सपने को पूरा करने के मौके के लिए बहुत आभारी हूं, लेकिन नियति की अन्य योजनाएं थीं। पेरिस में इसे हासिल न कर पाना दिल तोड़ने वाला है। काश मैं समय में वापस जा सकती और एक अलग परिणाम के लिए और भी अधिक प्रयास कर सकती, लेकिन यह सिर्फ एक इच्छा है।"
उन्होंने आश्वासन दिया कि यह अंत नहीं है और वह वापस आकर फिर से कोशिश करेंगी। उन्होंने कहा, "मैं वादा करती हूं कि यह अंत नहीं है। ओलंपिक जीतने का सपना अभी भी जीवित है और मैं इसे नए उत्साह के साथ पूरा करने की कोशिश करूंगी। यह अलविदा नहीं है, बल्कि वापसी का वादा है, और अधिक मेहनत करने का, और आप सभी को गौरवान्वित करने का। मेरे साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद। यात्रा जारी है।"
मालूम हो कि, ओलंपिक में अपने अंतिम मुकाबले से पहले निखत ने 2022 के बाद से सिर्फ दो मैच हारे थे। वह राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन और एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता भी हैं।
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