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भादों के अमावस

Nilmani Pal
2 Sep 2024 6:45 AM GMT
भादों के अमावस
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जम्मो संगी साथी संगवारी मन ला पोरा तिहार के गाड़ा गाड़ा बधई

छत्तीसगढ़ में पोरा तिहार,

हरियर दिखे खेत खार,

मना तभे पोरा तिहार,

बैइला हे जीवन आधार,

सुरता ही बैला आज तिहार।

धान पान दूध भरे ,

किसान आनंद करें,

नोनी बाबू अऊ सियान,

देवत लेवत हे ज्ञान,

बेटी बनबे तैं सुजान,

‌बैइला ल भगवान मान,

बनाबे बिध बिध पकवान,

सुरता ही बैइला आज तिहार।

महर महर घर भर,

ठेठरी खुरमी अड़बड़,

गुड़ घी होम कर,

बैइला नवा सिंगार कर

बैला मोर सुघ्घर सुघ्घर,

चूल्हा चकिया पीठा धर,

दौड़ दौड़ पोरा पटक,

सुरता ही बैइला आज तिहार।

किसान हे अन्नदाता,

आनंद रखबे हे विधाता,

माई बेटी दीदी मन,

मया हे जीवन धन,

ससुराल ले माइक आथे

पोरा पटक खुशी मनाथे,

पोरा सिखाए बर आते,

मया के तिहार कहाथे।

छटे जीवन के विकार,

सुरता ले बैला आज तिहार।

डा.सीमा अवस्थी "मिनी" (भाटापारा)

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