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मां से गर्भस्थ शिशु को भी हो सकता है एमपॉक्स : डब्ल्यूएचओ
jantaserishta.com
19 Aug 2024 3:46 AM GMT
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नई दिल्ली: इन दिनों दुनिया में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स या एमपॉक्स के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि यह मां से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है।
संगठन ने रविवार को एमपॉक्स के जुड़ी कुछ जानकारियां प्रश्न-उत्तर के रूप में साझा की हैं। इनमें बताया गया है कि एमपॉक्स आम तौर पर छूने, यौन संबंध बनाने और नजदीकी संपर्क में रहने से होता है। इसके अलावा एमपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गये किसी वस्तु या सतह को छूने से भी स्वस्थ व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है।
जानकारियों में कहा गया है, "गर्भावस्था के दौरान संक्रमण भ्रूण तक भी फैल सकता है। जन्म के समय या जन्म के बाद त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से और शिशु या बच्चों से माता-पिता के नजदीकी संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है।"
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जिस व्यक्ति में वायरस हैं, लेकिन बीमारी के कोई लक्षण नहीं है, यानी जो पूरी तरह स्वस्थ दिख रहा है, उससे संक्रमण फैलने की कुछ रिपोर्ट मिली है, लेकिन इस बारे में अभी और अध्ययन की जरूरत है। संक्रमित व्यक्तियों के शुक्राणुओं में भी एमपॉक्स के जिंदा वायरस मिले हैं, लेकिन अभी यह ज्ञात नहीं है कि शुक्राणु, योनी के फ्लुइड या मां के दूध से संक्रमण फैलने का कितना खतरा होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को एमपॉक्स महामारी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया था।
दुनिया भर में इस साल एमपॉक्स के 15 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं और 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि एमपॉक्स को ठीक होने में दो से चार सप्ताह का समय लग सकता है। जब तक फफोले पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते और फफोलों वाली त्वचा की जगह नई त्वचा नहीं आ जाती तब तक व्यक्ति को संक्रमण मुक्त नहीं माना जा सकता। ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
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