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बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाता है, उसी तरह कई बीमारियों पुरुषों को
हेल्थ | 40 की उम्र के आसपास जिस तरह महिलाओं का शरीर कई बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाता है, उसी तरह कई बीमारियों पुरुषों को भी परेशान करने लगती हैं. आइए जानते हैं, ऐसी ही तीन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में.
मसल्स कमज़ोर होना
शरीर के मूवमेंट के लिए ज़िम्मेदार मसल्स यानी मांसपेशियां बढ़ती उम्र के साथ कमज़ोर पड़ना शुरू हो जाती हैं. इसके शुरुआती लक्षण 40 के आसपास दिखाई देने लगते हैं. एक अनुमान के मुताबिक़ 40 की उम्र के बाद पुरुष तेज़ी से मांसपेशियां खोते हैं. चूंकि मांसपेशियां हमारे मूवमेंट के लिए ज़रूरी हैं, साथ ही बोन्स को सपोर्ट देती हैं इसलिए 40 के बाद पुरुषों को हड्डियों की समस्या शुरू होती है. गिरने पर फ्रैक्चर होने की संभावना पहले की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है.
कोलेस्टेरॉल और दिल की बीमारियों का ख़तरा
कहते हैं कि 40 के बाद हमें अपने खानपान पर ख़ास ध्यान देने की ज़रूरत होती है, क्योंकि हमारा मेटाबॉलिज़्म पहले जैसा नहीं रह जाता है. यदि तीसरे दशक के जैसा ही खानपान रखेंगे तो बहुत हद तक संभव है कि आपाके कोलेस्टेरॉल की समस्या परेशान करे. कोलेस्टेरॉल का बढ़ना हाई ब्लड प्रेशर से लेकर हृदय रोगों तक का कारण बन सकता है. आपको नियमित रूप से कोलेस्टेरॉल चेक कराते रहना होगा और खानपान को नियंत्रण में रखना होगा.
मिड लाइफ़ क्राइसिस और मूड स्विंग्स
सिर्फ़ मेनोपॉज़ के आसपास महिलाएं ही मूड स्विंग्स का सामना नहीं करतीं, बल्कि चालीस की उम्र के बाद पुरुष भी अक्सर मूड में आनेवाले अचानक बदलावों के चलते परेशान रहते हैं और अपने पार्टनर को भी परेशान करते हैं. दरअसल यही उम्र होती है, जब करियर में पुरुष उच्च दबाव का सामना करते हैं. कई लोग अपने पैरेंट्स खो देने से अचानक घर में बड़े हो जाते हैं. शरीर पर ध्यान नहीं देने से कई छोटी-मोटी बीमारियां होने लगती हैं. सेक्स लाइफ़ पहले जैसी नहीं रह जाती. बच्चों की पढ़ाई लिखाई और करियर की चिंता सताने लगती है. इन सबके चलते पुरुष चिड़चिड़े से होने लगते हैं. अगर आप यह समझेंगे कि ऐसा सबके साथ होता है और समय के साथ सब नॉर्मल हो जाएगा, तो न केवल आपका मूड बढ़िया रहेगा, बल्कि परिवार में भी शांति रहेगी.
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