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नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद से दिल्ली में एमसीडी की कार्रवाई लगातार जारी है। एमसीडी अनियमितता बरतने वाले कोचिंग सेंटर्स को सील करने की कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली के वेस्ट जोन में 23 कोचिंग सेंटर्स, सेंट्रल जोन में 11 लाइब्रेरी एंड आकाश कोचिंग इंस्टीट्यूट, नजफगढ़ जोन में 3 और साउथ जोन में 2 कोचिंग सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की गई।
राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए कोचिंग हादसे के बाद एमसीडी जगा है। एमसीडी ने अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक दिल्ली के सभी कमर्शियल बिल्डिंग्स में बने बेसमेंट की जांच होगी। खासतौर से उन बिल्डिंग्स की, जिनमें कोचिंग सेंटर्स चल रहे होंगे। इनमे अनियमिता बरतने वाले बेसमेंट मालिकों पर कार्रवाई भी की जाएगी। इसके साथ-साथ नालियों और फुटपाथ पर हुए अवैध अतिक्रमण को तोड़ा जाएगा, ताकि नालियां पूरी तरीके से साफ हो सकें।
एमसीडी के मेयर ने बेसमेंट और अन्य संबंधित मामलों के दुरुपयोग को रोकने के लिए तत्काल रूप से अधिकारियो को दिशा निर्देश जारी किए हैं। मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा है कि 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित आईएएस उम्मीदवारों के लिए एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में एक दुखद घटना घटी।सीवर सीवर लाइन जाम होने के कारण बेसमेंट में पानी आने से तीन छात्रों की जान चली गई।
मेयर शैली ओबेरॉय ने बताया कि इस संबंध में छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल 28 जुलाई को एमसीडी कमिश्नर से मिला और इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। कमिश्नर द्वारा उन्हें समझाया गया कि एमसीडी भविष्य में इस तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाएगी। उसके बाद कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इनके मुताबिक बेसमेंट वाली बिल्डिंग का सर्वे कराकर तत्काल कार्रवाई की जाए। जो लोग इसका दुरुपयोग करते पाए जाएं, उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जाए।
बेसमेंट के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार होने चाहिए। सभी भवन योजनाएं सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि उल्लंघनकर्ताओं का पता लगाया जा सके। इसके अलावा नालियों और फुटपाथों के ऊपर से सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। बरसाती पानी की नालियों से पूरी तरह से गाद निकाला जाएगा और किसी भी जगह पर ज्यादा जाम होने पर उसे सुपर-सकर मशीनों की मदद से साफ़ किया जाएगा।
मेयर के निर्देश के मुताबिक पोर्टेबल पंपों को ऑपरेटरों के साथ जल जमाव के संवेदनशील स्थानों (जो पहले ही पहचाने जा चुके हैं) से पानी निकालने के लिए तैयार रखा जाएगा। इसके साथ ही खुले लटकते तारों और केबलों का सर्वेक्षण कराया जाएगा और एनडीपीएल और बीएसईएस के साथ समन्वय में तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा कूड़े का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए सभी को जागरूक किया जाएगा, क्योंकि बरसात के मौसम में कूड़ा सड़ जाता है। इससे दुर्गंध आती है।
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