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नालासोपारा: महाराष्ट्र के नालासोपारा में गुरुवार को प्रशासन ने कई अवैध निर्माणों को गिरा दिया। वसई विरार शहर महानगरपालिका कमिश्नर अनिल कुमार पवार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के फैसलों के बाद यह कार्रवाई की गई है।
अनिल कुमार पवार ने कहा, “आज 28 तारीख को उन भवनों को तोड़ा जा रहा है, जो सी1 श्रेणी में आते हैं और जिन्हें अत्यधिक खतरनाक माना गया है। इन भवनों को तोड़ने का कार्य जारी है, ताकि इस क्षेत्र को स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सके। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश और उच्च न्यायालय के निर्देशों के आधार पर हो रही है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि यहां कोई अवैध निर्माण न रहे, इसे लागू किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा, “यह कार्रवाई एक अवैध निर्माण को हटाने के लिए की जा रही है, जिसमें विशेष रूप से उन भवनों को गिराया जा रहा है, जो उस स्थान पर बिना अनुमति के 2006 से 2012 के बीच बनाए गए थे। यह स्थान नालासोपारा अंचल क्षेत्र में स्थित है, जहां पर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) और डंपिंग ग्राउंड का आरक्षण पहले से है। उस स्थान पर किए गए अवैध निर्माण के कारण इस क्षेत्र के वातावरण और बुनियादी ढांचे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।”
उन्होंने बताया कि इस संबंध में कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका पर न्यायपालिका ने भी विचार किया और अवैध निर्माण के खिलाफ आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने भी इस मुद्दे पर आदेश दिया था कि जहां एसटीपी और डंपिंग ग्राउंड का आरक्षण है, वहां के अवैध निर्माण तोड़े जाएं।”
उन्होंने कहा, “इसके बाद, उन लोगों ने जो इस मामले में प्रभावित हो रहे थे, सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश को स्पष्ट रूप से बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पुनर्वास और अन्य पहलुओं पर विचार किया जाए, लेकिन अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब इस कार्रवाई को अमल में लाया जा रहा है।”
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