भोपाल: देश की कानून और न्याय व्यवस्था के लिए एक जुलाई इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली तारीख है। सोमवार से देश में तीन नए कानून अमल में आ रहे हैं। इन कानूनों को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए मध्य प्रदेश पूरी तरह तैयार है।
आईपीसी की 511 धाराओं की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में 358 धाराएं होंगी। इसमें 21 नए अपराध जुड़े हैं और 41 धाराओं में सजा बढ़ाई गई है। इसके अलावा पहली बार छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा जोड़ी गई है।
इसी तरह सीआरपीसी के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) अस्तित्व में आ रहा है। नए कानूनों को अमल में लाने और लागू करने के लिए पुलिस बल को सबसे ज्यादा सक्षम बनाने की जरूरत है।
यही कारण है कि मध्य प्रदेश में छह महीने में पुलिस बल और विवेचकों को इसके लिए तैयार किया गया है। इस दौरान इन तीनों कानूनों के बारे में पुलिस बल और विवेचकों को प्रशिक्षित किया गया है। अब तक 60 हजार पुलिस जवानों और अधिकारियों के अलावा 31 हजार विवेचकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
राज्य की पुलिस प्रशिक्षण शाखा ने तीन सौ से ज्यादा मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया है और इनके माध्यम से पुलिस मुख्यालय से लेकर थानों और चौकियों तक के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई। नए कानूनों से लोगों को अवगत कराने और उनमें जागरूकता लाने के मकसद से कार्यशालाएं हुईं, सेमिनार हुए और सामूहिक चर्चा हुई।
इसके अलावा सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग किया गया है, शॉर्ट फिल्में तक बनाई गई हैं। इतना ही नहीं पुलिस विभाग की ओर से पोस्टर भी जारी किए गए हैं। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने भी इस कानून की तैयारी और प्रशिक्षण पर पूरी नजर रखी, साथ ही निर्देश दिए।
नए कानूनों की विस्तृत जानकारी पुलिस थाने के अलावा पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर भी उपलब्ध रहेगी। जिस दिन यह कानून लागू होने वाले हैं। उस दिन एक जुलाई को सभी थानों में विशेष कार्यक्रम होंगे और आमजन को अवगत कराया जाएगा।
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