अन्य

स्थानीय निवासी का सवाल, पीएम मोदी कहते हैं 'जहां झुग्गी वहीं मकान', फिर क्यों घरों को तोड़ा जा रहा है?

jantaserishta.com
14 Aug 2024 3:45 AM GMT
स्थानीय निवासी का सवाल, पीएम मोदी कहते हैं जहां झुग्गी वहीं मकान, फिर क्यों घरों को तोड़ा जा रहा है?
x
भलस्वा डेरी: दिल्ली के भलस्वा डेयरी में अवैध निर्माण पर नगर निगम की तरफ से कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को प्रशासन बुलडोजर लेकर पहुंचा तो सड़क पर सैकड़ों लोग इसका विरोध करने के लिए उतर आए।
स्थानीय लोगों ने विरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि 'जहां झुग्गी वही मकान', फिर हमारे पक्के घरों को क्यों तोड़ा जा रहा है ? अगर एमसीडी को घरों को तोड़ना ही था तो उस समय तोड़ना चाहिए जब इन घरों का निर्माण हुआ था। उस वक्त प्रशासन कहां गया था? यहां से प्रशासन वाले एक-एक लेंटर के एक लाख दो लाख रुपये लेकर जाते हैं, तोड़ना है तो पहले उनका घर तोड़े। उन्होंने पहले हमसे यहां घर बनाने का पैसा लिया। उस वक्त ये पुलिस, एमसीडी प्रशासन कहां गया था? आज ये कुछ भ्रष्ट एनजीओ की वजह से हमारे घरों को तोड़ने आए हैं। हम यहां तब से हैं जब यहां जंगल हुआ करता था।
स्थानीय राहुल त्यागी ने कहा कि वो पिछले 40 साल से इस इलाके में रह रहे हैं। जब वो यहां आए थे तो सिर्फ जंगल हुआ करता था, कोई सुविधा नहीं थी। बाद में यहां के 40 हजार लोगों ने मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की। अब जब यहां पर विकास का सारा काम किया जा चुका है तो एमसीडी इसे अवैध बताकर तोड़ रही है। अगर यह अवैध होता तो तीन-चार मंजिलों के घर कैसे बन जाते?
उन्होंने कहा कि यहां पर पक्की सड़क बनी हुई है। पानी की पाइप लाइन डली हुई है और बिजली के खंभे भी लगे हुए हैं। हम प्रॉपर्टी टैक्स भी भर रहे हैं। इसको तोड़ने के पीछे कोई एनजीओ और बिल्डर लगा हुआ है।
दीपांशु को भी उनके घर तोड़े जाने से बहुत तकलीफ है। उन्होंने कहा कि हम यहां साल 1995 से रह रहे हैं। अब इसे तोड़ा जा रहा है, जिसके पीछे किसी एनजीओ की साजिश है। एमसीडी की कार्रवाई से लाखों लोग बेघर हो रहे हैं। यहां पर साफ-सुथरी डेयरी चलती है। एक पक्ष के आधार पर कोई फैसला नहीं करना चाहिए।
स्थानीय निवासी अरुण कुमार एमसीडी की कार्रवाई से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि 'जहां झुग्गी वहीं मकान', फिर हमारे पक्के घरों को क्यों तोड़ा जा रहा है? हम कहां जाएंगे, हमारे बच्चे कहां पढ़ेंगे? हमने खून-पसीने की कमाई से घर बनाया है। हम इसे रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
बता दें कि सिविल लाइंस इलाके के निगम उपायुक्त ने भलस्वा डेयरी कॉलोनी में रहने वाले लोगों को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक पब्लिक नोटिस जारी करके इलाके को खाली करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने एक्स पर लिखा था कि '' दिल्ली नगर निगम की महत्वपूर्ण सूचना भलस्वा डेयरी कॉलोनी में अनाधिकृत निर्माण को 3 दिनों के अंदर खाली करें। अनुपालन न करने पर जबरन हटाया जाएगा और ध्वस्तीकरण का खर्च प्लॉट धारकों से वसूला जाएगा। ''
jantaserishta.com

jantaserishta.com

    Next Story