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साल 1981 में एक दूधवाले ने उड़नखटोला बनाकर दुनिया को हैरान कर दिया
दूधवाले ने बनाया उड़नखटोला!
आसमान में उड़ने का सपना यूं तो कई लोग देखते हैं, लेकिन सपने को हकीकत में बदलना हर किसी के बस की बात नहीं. आसमान में उड़ने का एक सपना 1981 में एक दूधवाले ने भी देखा था. इस दूधवाले ने जयपुर के सांगानेर एयरपोर्ट पर एक रुपए का टिकट लेकर हवाई जहाज देखा और ठान लिया कि वो हवाई जहाज जैसा ही उड़नखटोला एक दिन हवा में जरूर उड़ाएगा. राजस्थान के अलवर के माधोगढ़ में रहने वाले दयाराम ने अपने सपने को सच करने के लिए उड़नखटोला यानी पैरा मोटर बना दिया. इसके लिए दयाराम ने कड़ी मेहनत की. पाइप वेल्ड करने से लेकर पैरा मोटर को पूरी तरह तैयार करने का हर काम उन्होंने खुद किया. पैरा मोटर का सामान जुटाने के लिए कभी उन्होंने अलवर और जयपुर की दौड़ लगाई तो कभी दिल्ली से खरीददारी की. कुछ सामान उन्हें विदेश से भी मंगवाना पड़ा. पैरा मोटर बनाने में उस वक्त करीब 15 लाख रुपये का खर्च आया. दयाराम को कामयाबी एक झटके में नहीं मिली. पैरा मोटर बनाने के पीछे 40 साल की मेहनत छिपी है. इस दौरान उन्होंने दो बाइक, एक कार और एक ट्रैक्टर का इंजन लगाकर उड़नखटोला बनाने की कोशिश की. कामयाबी हाथ नहीं लगी लेकिन हौसला पस्त नहीं हुआ. इसके बाद जर्मनी से एयरक्राफ्ट का इंजन मंगाया गया और फिर उड़नखटोला बनकर तैयार हुआ. ये दयाराम की मेहनत की मिसाल है.
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