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जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-3 को बताई प्रमुख उपलब्धि, भविष्य के स्पेस मिशनों की दी जानकारी

jantaserishta.com
22 Aug 2024 3:07 AM GMT
जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-3 को बताई प्रमुख उपलब्धि, भविष्य के स्पेस मिशनों की दी जानकारी
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नई दिल्ली: केंद्रीय अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को चंद्रयान-3 को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) दो और चंद्र मिशनों की तैयारी में जुट गया है।
चंद्रयान-3 पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरा था। केंद्र सरकार ने इस साल से हर 23 अगस्त को 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है। पहले अंतरिक्ष दिवस के कर्टेन रेजर के अवसर पर मीडिया से बातचीत में करते हुए डॉ. सिंह ने कहा, "चंद्रयान-3 एक प्रमुख उपलब्धि थी और अब चंद्रयान-4 और 5 का प्रक्षेपण किया जाएगा।"
एक साल पहले भारत चंद्रमा पर यान उतारने वाला दुनिया का चौथा और इसके दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला पहला देश बना था। पहले 'राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस' का विषय है, "चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना : भारत की अंतरिक्ष गाथा।" भारत मंडपम के प्लेनरी हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को उस कार्यक्रम को संबोधित करेंगी।
अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश की उपलब्धियां गिनाते हुए डॉ. सिंह ने कहा, “गगनयान मिशन 2025 में पहले भारतीय को अंतरिक्ष में भेजना है” जो अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्व नेतृत्व के रूप में उभरने के भारत के प्रयासों पर प्रकाश डालता है।
उन्होंने नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके. त्रिपाठी के साथ अपनी हालिया बैठक का जिक्र किया और मुख्य रूप से क्रू मॉड्यूल रिकवरी के लिए भारतीय नौसेना के साथ इसरो की साझेदारी को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि राकेश शर्मा 'गगनयान मिशन टीम' का मार्गदर्शन कर रहे हैं। मंत्री ने सुनीता विलियम्स को शुभकामनाएं भी दी।
उन्होंने कहा कि निजी भागीदारों के साथ सहयोग के कुछ महीनों के भीतर अंतरिक्ष क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है।
स्टार्टअप्स की भूमिका पर बल देते हुए मंत्री ने दोहराया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में शुरुआत में बहुत कम स्टार्टअप थे, लेकिन अब इसमें लगभग 300 स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से कई वैश्विक क्षमता वाले हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था अगले 10 साल में पांच गुना बढ़ेगी।
भविष्य की योजनाएं साझा करते हुए उन्होंने बताया कि 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और वर्ष 2045 तक चंद्रमा पर एक भारतीय की लैंडिंग का लक्ष्य रखा गया है।
इसरो के वैज्ञानिक सचिव शांतनु भटवाडेकर ने कहा कि अंतरिक्ष दिवस सिर्फ वैज्ञानिक समुदाय के लिए नहीं बल्कि हर भारतीय के लिए उत्सव है।
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