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इशिबा के शपथ ग्रहण से पहले जापानी प्रधानमंत्री किशिदा ने दिया इस्तीफा

jantaserishta.com
1 Oct 2024 7:39 AM GMT
इशिबा के शपथ ग्रहण से पहले जापानी प्रधानमंत्री किशिदा ने दिया इस्तीफा
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टोक्यो: जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा दे दिया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इसके साथ ही राजनीतिक घोटालों और बढ़ती महंगाई से प्रभावित उनके तीन साल के कार्यकाल का अंत हो गया। इस बीच जापान की सत्तारूढ़ पार्टी के नेता 67 वर्षीय शिगेरु इशिबा, मंगलवार को प्रतिनिधि सभा के प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए।
सार्वजनिक प्रसारक एनएचके की रिपोर्ट के अनुसार, किशिदा प्रशासन के मंत्रियों ने एक कैबिनेट बैठक में सामूहिक रूप से त्यागपत्र सौंपे। यह बैठक स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे के बाद शुरू हुई। बैठक में नए मंत्रिमंडल की नियुक्ति की बात कही गई जिसका नेतृत्व किशिदा के उत्तराधिकारी शिगेरू इशिबा करेंगे।
किशिदा 4 अक्टूबर, 2021 को जापान के पीएम बने थे। उनके कार्यकाल में सत्तारूढ़ पार्टी की छवि को गहरा झटका लगा, खासतौर से स्लश फंड घोटाले की वजह से। इसी कारण उन्होंने अपना पद छोड़ने का ऐलान किया। इससे पहले शिगेरू इशिबा ने सोमवार को कहा कि वह 27 अक्टूबर को आम चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद का निचला सदन 9 अक्टूबर को भंग कर दिया जाएगा। पूर्व रक्षा मंत्री ने जल्द से जल्द जनता का जनादेश प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, इशिबा ने शुक्रवार को आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची को हराकर देश की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का नेतृत्व चुनाव जीता था।
अपनी जीत के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इशिबा ने एलडीपी के भीतर विश्वास और एकता के पुनर्निर्माण के लिए पूरी कोशिश करने का वादा किया। उन्होंने एलडीपी को एक ऐसी पार्टी बनाने पर जोर दिया जो विनम्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हो। एलडीपी नेतृत्व के लिए इशिबा की यह पांचवीं दावेदारी थी। पिछले कुछ वर्षों उनकी इमेज रक्षा और कृषि की गहरी जानकारी रखने वाले अनुभवी नीति विशेषज्ञ के रूप में बनी है।
इशिबा के सामने तत्काल कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। इनमें एलडीपी में जनता का भरोसा बहाल करना शामिल है, जिसकी छवि को स्लश फंड घोटाले की वजह से गहरा धक्का पहुंचा है। चीन, उत्तर कोरिया और रूस से बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उनके नेतृत्व का परीक्षण होना है।
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