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जो जापान में सरकार के मिशन को पूरा करेगा.
चांद पर इंसानों को बसाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. नासा के साथ टेस्ला की स्पेसएक्स जैसी प्राइवेट कंपनियां भी पृथ्वी के सबसे पास स्थित चांद पर इंसानों को भेजने की योजना पर काम कर रहा है. अब जापान ने भी चांद पर अपनी एंट्री करने के लिए कमर कस ली है. जापान अगले साल चांद पर बेसबॉल के आकार का छोटा सा रोबोट भेजने वाला है. (Japan will send baseball size robot to moon in 2022)
यहां की अंतरिक्ष एजेंसी जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (Japan Aerospace Exploration Agency यानी JAXA) इस प्रोजेक्ट पर जापानी रोबोटिक कंपनी आईस्पेस (ispace) के साथ मिलकर काम कर रही है. चांद पर रोबोट भेजने के लिए हाकुतो-आर (HAKUTO-R) लैंडर का इस्तेमाल किया जाएगा. करीब 3 इंच के रोबोट को ispace के लैंडर में रखकर चांद पर भेजा जाएगा.
चांद की खींचेगा तस्वीरें
दो पहियों से चलने वाला यह रोबोट चांद की सतह व अन्य चीजों की तस्वीरें खींचेगा. इसके बाद समीक्षा के लिए वह तस्वीरों को वापस भेज देगा. JAXA ने अपने बयान में कहा कि इस रोबोट में खास तरह का फीचर है, यह सतह पर पहुंचकर खुद ही चलना शुरू कर देगा. इससे चांद पर ट्रांसपोर्टेशन के लिए जरूरी चीजों की भी कमी आएगी. इस वजह से भविष्य में भी अन्य मिशनों में यह रोबोट अहम भूमिका निभा सकता है.
अब तक तीन देश पहुंचे चांद पर
अभी तक चांद पर सिर्फ तीन देश (अमेरिका, चीन और रूस) ही पहुंच पाए हैं. इनमें से सिर्फ अमेरिका के एस्ट्रोनॉट्स चांद की सतह पर पहुंच पाए हैं. JAXA के मुताबिक इस रोबोट का निर्माण सोनी, दोशीषा यूनिवर्सिटी और जापानी इंटरनेटमेंट कंपनी टॉमी ने मिलकर किया है. टॉमी जापान में खिलौने बनाने वाली प्रख्यात कंपनी के रूप में प्रसिद्ध है. जापानी अंतरिक्ष एजेंसी का मकसद अन्य मून मिशन व निजी कंपनियों की तकनीक से ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाना है. ispace के CEO व संस्थापक ताकेशी हाकामादा का कहना है कि यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि JAXA ने हमारे चंद्रयान ट्रांसपोर्टेशन सर्विस में रुचि दिखाई. हमें इस बात की खुशी है कि हम पहले ऐसे कमर्शियल सर्विस प्रोवाइडर बनने जा रहे हैं, जो जापान में सरकार के मिशन को पूरा करेगा.
Neha Dani
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