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बिहार में सभी चार सीटों पर होगी 'इंडिया' की जीत, झारखंड में स्थानीयता, रोजगार मुद्दा : दीपांकर भट्टाचार्य

jantaserishta.com
9 Nov 2024 3:12 AM GMT
बिहार में सभी चार सीटों पर होगी इंडिया की जीत, झारखंड में स्थानीयता, रोजगार मुद्दा : दीपांकर भट्टाचार्य
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पटना: भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शुक्रवार को दावा किया कि बिहार में हो रहे उपचुनाव में सभी चार सीटों पर 'इंडिया' ब्लॉक की जीत होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड चुनाव में मुख्य मुद्दा स्थानीयता और रोजगार है।
दीपांकर भट्टाचार्य ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि झारखंड में पलायन, रोजगार, औद्योगिक विकास जैसे बुनियादी सवालों पर चर्चा करने की बजाय भाजपा अपनी नफरती बयानबाजी के जरिए अविश्वास का माहौल बनाना चाहती है। बांग्लादेश से हो रहे तथाकथित घुसपैठ को मुद्दा बनाकर वह बांग्ला भाषियों और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला रही है।
उन्होंने कहा, "झारखंड की 81 में 78 सीटों पर हमारे बीच पूर्ण तालमेल है। पूर्ण तालमेल के तहत भाकपा (माले) तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन राजधनवार में यह एकता नहीं हो सकी है। राजधनवार की सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा उम्मीदवार खड़ा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। फिर भी राज्य में 'इंडिया' गठबंधन एक होकर चुनाव के मैदान में है।"
भट्टाचार्य ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पहली बार भाकपा-माले को माकपा और अन्य वाम दलों का समर्थन मिला है। पश्चिम बंगाल में छह सीटों पर हो रहे उपचुनाव में नैहाटी सीट पर भाकपा-माले प्रत्याशी को वामपंथी दलों का समर्थन है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे पश्चिम बंगाल में वामपंथी एकता को एक नई ताकत मिलेगी।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि यह आर्थिक संकट का परिणाम है। उनकी जीत से गाजा सहित पूरी दुनिया में शांति और न्याय की उम्मीद रखने वाली ताकतों को धक्का लगा है। उन्होंने कहा कि गाजा के सवाल पर जो बाइडन की नीति ने भी निराश ही किया था। ट्रम्प का मुख्य प्रचार फोकस अमेरिका में अवैध आप्रवासन को लेकर रहा है। तकरीबन एक करोड़ लोगों को अवैध बताकर देश से बाहर कर देने का उनका लक्ष्य है। इससे अमेरिका में जो माहौल बनेगा, वह अश्वेतों और भारतीयों के भी खिलाफ भी जाएगा।
कनाडा के मसले पर उन्होंने वहां रह रहे भारतीय मूल के हर धर्म-जाति-समुदाय के लोगों से मिलजुल कर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज जो हम भारत के अंदर देख रहे हैं, अब वह देश के बाहर भी देखा जा रहा है। यह अफसोसजनक है।
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