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सेविका सहायिकाओं का न्यूनतम मजदूरी, पीएफ के लिए जमशेदपुर में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन

jantaserishta.com
6 Oct 2024 3:15 AM GMT
सेविका सहायिकाओं का न्यूनतम मजदूरी, पीएफ के लिए जमशेदपुर में अनिश्चितकालीन प्रदर्शन
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जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में शनिवार को 'झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संयुक्त संघर्ष मोर्चा' के बैनर तले सेविका सहायिकाओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को जिले के जमशेदपुर शहर में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और कई योजनाओं को उद्घाटन तथा शिलान्यास किया। दूसरी ओर प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी को लेकर 'झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संयुक्त संघर्ष मोर्चा' के बैनर तले सेविका सहायिकाओं ने प्रदर्शन किया और अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।
अपनी पुरानी मांगों को लेकर सेविका सहायिकाओं ने दोबारा प्रदर्शन शुरू किया। इन मांगों को प्रदेश स्तर पर उठाने की बात कही जा रही है।
प्रदर्शनकारियों ने पहले मुख्यमंत्री सोरेन से न्यूनतम मजदूरी, उचित सेवानिवृत्ति एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में छात्रों के लिए जरूरत की तमाम सामग्रियां उपलब्ध करवाने की मांग रखी थी, लेकिन इसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। प्रदर्शन कर रही सहायिकाओं ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त किया था, लेकिन वह कोरा आश्वासन ही रह गया है।
प्रदर्शन कर रही सेविका सहायिकाओं की प्रदेश अध्यक्ष माला कुमारी ने पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार से उनकी आठ सूत्री मांगें हैं। इस संबंध में सरकार से पहले भी मांग की जा चुकी है, लेकिन हमेशा सिर्फ आश्वासन ही मिला है। सरकार ने आज तक उनकी एक भी मांग पूरी नहीं की। कम से कम सरकार न्यूनतम मजदूरी तो दे।
उन्होंने आगे बताया कि रिटायरमेंट के वक्त सेविकाएं सहायिकाओं को एक कागज पकड़ा कर बैठा दिया जाता है। उस समय उनको बहुत तकलीफ होती है। ऐसे वक्त पर जो उचित राशि है, सरकार को वह सेविका सहायिकाओं को देनी चाहिए। जितनी मानदेय दी जाती है, उसमें पीएफ काटना चाहिए, ताकि रिटायरमेंट के समय कुछ पैसा मिल सके।
मांग कर रही सेविका सहायिका ने कहा कि एलएस की भर्ती में पढ़ी-लिखी सेविका सहायिकाओं की सीधी नियुक्ति हो। उसमें कोई उम्र की सीमा न हो। स्कूल में बच्चों के जरूरतों की चीजों की पर्याप्त उपलब्धता हो। उन्होंने कहा कि सेविका सहायिकाओं की मुख्य मांग, रिटायरमेंट के समय पैसा मिले और न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होगी, हड़ताल जारी रहेगा।
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