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गोपाल राय थे सीएम पद के दावेदार, आतिशी बनेंगी डमी सीएम : संदीप दीक्षित

jantaserishta.com
17 Sep 2024 11:33 AM GMT
गोपाल राय थे सीएम पद के दावेदार, आतिशी बनेंगी डमी सीएम : संदीप दीक्षित
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नई दिल्ली: दिल्ली के नये मुख्यमंत्री के लिए आतिशी के नाम पर सहमति बनी है। इस पर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आतिशी को मुश्किल हालात में जिम्मेदारी दी गई है। उनके इस बयान पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए प्रतिक्रिया दी। इस दौरान उन्होंने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर जमकर निशाना साधा।
गोपाल राय के आतिशी को कुछ समय के लिए सीएम बताने वाले बयान पर संदीप दीक्षित ने कहा कि अब वो खुलकर नहीं कह पाएंगे कि आतिशी डमी सीएम हैं। गोपाल राय खुद दावेदार थे। अब वो दुख में कैसे कह सकते हैं कि वो डमी और अस्थाई हैं।
अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ नारे लगाने के बयान पर कांग्रेस नेता ने कहा, "जहां तक ​​मेरी जानकारी है, उनकी मां ने इसका विरोध किया था। वे अपने समय के अल्ट्रा-लेफ्ट लोग थे। मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ते समय उनके बारे में सुनता था। माता-पिता किसी के बारे में जो कहते हैं, उसका असर बच्चों पर नहीं पड़ना चाहिए। अफजल गुरु एक बड़े आतंकी संगठन से जुड़ा था। उसके माता-पिता ने जो कहा, वह सही नहीं था, लेकिन उस पर क्या प्रतिक्रिया हुई, क्या उस समय आतिशी ने इसका विरोध किया, यह भी एक बड़ा मुद्दा है।"
संदीप दीक्षित ने कहा कि केजरीवाल इस्तीफा दें या न दें, वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। न ही वे कोई सरकारी कार्य कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल से यह भी कहा था कि हमें आप पर भरोसा नहीं है। इसके बाद केजरीवाल के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल ने तो यहां तक ​​कह दिया था कि वो जेल से सरकार चलाएंगे। उन्होंने जेल से सरकार चलाने का बहाना बनाया था। बाहर आने के बाद उन्हें लगा कि इस तरह से काम नहीं चलेगा, नहीं तो उन्हें खुद ही हट जाना चाहिए। इसलिए उन्होंने अपना एक मोहरा बनाया और उसे दिल्ली का सीएम चुन लिया। अब लोगों के बीच उनका राजनीतिक निशाना यही होगा कि वो महिला हैं, पढ़ी-लिखी हैं, तो कम से कम दिल्ली को एक नया नेता तो मिल गया। अब उन्हें सहानुभूति मिलेगी।
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