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जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया है कि 23 जुलाई तक गाजा संघर्ष में कम से कम 22,500 लोग गंभीर चोट का शिकार हुए हैं। इन जख्मों ने उन्हें जीवन भर का दर्द दिया है। विकलांगता का दंश सहने को मजबूर हुए हैं।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में गाजा की पहले से ही कमजोर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर भारी बोझ पड़ा है। उन्होंने कहा कि 13,455 से 17,550 लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं।
इसकी वजह से लगभग 4,000 लोगों के अंग काटे गए हैं, वहीं रीढ़ की हड्डी से जुड़ी तकलीफें बढ़ गई हैं, हेड इंजरी से लोग जूझ रहे हैं और बड़ी तादाद में लोग गंभीर रूप से आग से झुलसे भी हैं। पीड़ितों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि रिचर्ड पीपरकोर्न के मुताबिक स्थिति चिंतनीय है। उन्होंने कहा है कि गाजा का स्वास्थ्य ढांचा बढ़ती मांगों को पूरा करने में असमर्थ है।
उन्होंने कहा, "गाजा में बहुत से लोग बेहद गंभीर चोट का शिकार हुए है, जिन्हें ठीक होने के लिए काफी समय लगेगा। मगर यहां की स्वास्थ्य प्रणाली खुद ही वेंटिलेटर पर है।'' जिनेवा स्थित स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा, '' गाजा में संघर्ष जारी होने के चलते जरूरी है कि वहां के लोगों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले। ताकि आगे की बीमारियों और मौतों को रोका जा सके।
jantaserishta.com
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