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वाराणसी: उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। वाराणसी में गंगा नदी भी उफान पर है। यह पांचवीं बार है जब लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ा है।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कई घाट और मंदिर डूब गए हैं। घाट पर जीवन-यापन करने के लिए रोजगार करने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। करीब 1 महीने से नाव का संचालन पूरी तरह से बंद है। बाढ़ जैसी स्थिति के कारण लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।
घाट निवासी और फोटोग्राफी का काम करने वाले शिवानंद बताते हैं कि पांचवीं बार गंगा मइया का यह रुप हमें देखने को मिल रहा है। बाढ़ के कारण रोजगार प्रभावित हो रहा है। घाट पर आने वाले लोगों की संख्या भी पहले के मुकाबले काफी कम हो गई है। लोग अगर आ भी रहे हैं तो ठहर नहीं रहे, जिससे हमारे रोजगार पर संकट आ गया है। नाव चालकों के रोजी रोटी पर भी संकट मंडरा रहा है।
गंगा सेवा निधि के सदस्य पंडित राजू झा बताते हैं कि गंगा नदी के जलस्तर में लगातार पांचवीं बार वृद्धि हुई है। पानी आ रहा है और जा रहा है, कभी चार फुट पानी कम होता है और कभी पांच फीट पानी बढ़ रहा है। बाढ़ के कारण घाट पर आने वाले लोगों को परेशानियों का काफी सामना करना पड़ रहा है। श्रद्धालुओं को स्नान करने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर शवों के अंतिम संस्कार करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मणिकर्णिका घाट की अगर हम बात करें तो वहां छत पर शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
केंद्रीय जल आयोग ने बुधवार को बताया था कि वाराणसी में सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 66.72 मीटर दर्ज किया गया था। बुधवार को गंगा 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही थी। आपको बताते चलें, वाराणसी में गंगा नदी खतरे के निशान से लगभग 4 मीटर दूर है। वाराणसी में गंगा नदी के खतरे का निशान 71.26 मीटर और चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है।
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