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देश में बढ़ रही एग्रीटेक स्टार्टअप की फंडिंग, टेक्नोलॉजी गैप को भरने में मिल रही मदद
jantaserishta.com
24 Nov 2024 11:31 AM GMT
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नई दिल्ली: भारत में एग्रीटेक स्टार्टअप की फंडिंग में तेजी से इजाफा हो रहा है और इसमें टेक्नोलॉजी गैप को भी भरने की महत्वपूर्ण क्षमता है। आरबीआई के एक पेपर में बताया गया कि मौजूद समय में देश में 19 एग्रीटेक सूनीकॉर्न और 40 मिनीकॉर्न हैं, जो एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं और मॉडल विकसित कर रहे हैं।
डी सुगंती, जोबिन सेबेस्टियन और मोनिका सेठी द्वारा तैयार किए गए 'एग्री-टेक स्टार्टअप्स एंड इनोवेशन इन इंडियन एग्रीकल्चर' शीर्षक वाले पेपर में कहा गया कि भारत के एग्री-टेक लैंडस्केप में एक यूनिकॉर्न है, जबकि 19 सूनीकॉर्न (यूनिकॉर्न बनने के करीब) और 40 मिनिकॉर्न हैं। एग्री-टेक स्टार्टअप के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि उन्हें सरकार के फंडिंग समर्थन, अनुसंधान और विकास की पहलों और राज्यों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट से लाभ हुआ है।
भारत के एग्री-टेक इकोसिस्टम में निवेशकों की रुचि भी पहले के मुकाबले रुचि बढ़ी है। 2021 में निवेशक बढ़कर 1.25 अरब डॉलर हो गया था, जो कि 2019 में 370 मिलियन था। 2021 और 2022 में एग्री-टेक सेक्टर में वैश्विक फंडिंग 10.9 अरब डॉलर के शिखर पर पहुंच गई, उसके बाद 2023 में तेजी से घटकर 5.2 अरब डॉलर हो गई।
पेपर में कहा गया कि वैश्विक एग्री-टेक फंडिंग में 43.2 प्रतिशत के साथ अमेरिका पहले स्थान पर है। इसके बाद 14.4 प्रतिशत के साथ चीन, 12 प्रतिशत के साथ चीन और 8.5 प्रतिशत के साथ भारत का एग्रीटेक सेक्टर है। पेपर में जोर देते हुए कहा गया कि यह इनोवेशन को बढ़ावा देने और एग्री-स्टैक विकसित करके एग्री-टेक को मुख्यधारा में लाने की सुविधा के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ब्लॉकचेन, रिमोट सेंसिंग, बायोटेक्नोलॉजी, ड्रोन, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन जैसी उभरती टेक्नोलॉजी का उपयोग कई स्टार्टअप द्वारा किया जा रहा है।
डिजिटल इंडिया, मेक-इन-इंडिया, स्टार्टअप फंड्स, एक्सेलेरेटर और इनक्यूबेटर इनिशिएटिव जैसी सरकारी पहल से एग्री-टेक स्टार्टअप की समर्थन मिला है। पेपर के अनुसार, अब तक हुई प्रगति के बावजूद, भारत में एग्री-टेक को अपने परिचालन को बढ़ाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एग्री-टेक की स्थिरता सीधे तौर पर किसानों द्वारा आधुनिक टेक्नोलॉजी को अपनाने पर निर्भर करती है।
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