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‘केन-बेतवा लिंक परियोजना’ से शिवपुरी के किसानों और ग्रामीणों को होगा लाभ : प्रद्युमन सिंह तोमर

jantaserishta.com
26 Dec 2024 3:18 AM GMT
‘केन-बेतवा लिंक परियोजना’ से शिवपुरी के किसानों और ग्रामीणों को होगा लाभ : प्रद्युमन सिंह तोमर
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शिवपुरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। किसानों के साथ यहां के स्थानीय निवासियों ने इस योजना का शिलान्यास करने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया।
किसान रामगोपाल गुप्ता ने बताया कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना का उद्घाटन किया है। इससे पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र को बहुत लाभ होगा। हम जैसे छोटे और सीमांत किसानों को पानी मिलेगा, इससे हमारी आय और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। हमारे पास बंजर जमीन थी, लेकिन अब अगर हम इसे सींच सकते हैं, तो हम फसल उगा सकते हैं और उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इससे बिक्री और बाजार मूल्य दोनों में वृद्धि होगी। पीएम मोदी की इस योजना से व्यापारी, किसान सभी खुश रहेंगे।
दूसरे व्यक्ति ने कहा क‍ि इस योजना से हम लोगों को काफी लाभ होगा। पानी की कमी से खेती पर असर पड़ता था। लेकिन, अब हमें इस योजना के तहत पानी मिलेगा। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताना चाहते हैं कि उन्होंने पूर्व पीएम का सपना साकार किया।
मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा है पूर्व पीएम अटल विहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया है। लगभग 44 हजार 608 करोड़ की यह पर‍ियोजना है। केंद्र सरकार 90 फीसद और राज्‍य सरकारी 10 फीसद लागत वहन करेगी। इससे एक लाख 10 हजार 400 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि आज पिछोर के बस स्टैंड के प्रांगण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना के ऐतिहासिक शिलान्यास कार्यक्रम को वर्चुअल रूप से समस्त कार्यकर्ताओं के साथ देखा। इसे परियोजना से जिला शिवपुरी के किसानों और ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। इससे सिंचाई क्षमता बढ़ेगी, फसल उत्पादन और पानी की उपलब्धता में सुधार होगा। साथ ही, सूखे की समस्या घटेगी, रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, और पेयजल आपूर्ति बेहतर होगी।
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