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एक शिफ्ट से ज्यादा काम नहीं करेंगे चालक, नियमित होगी जांच : दिल्ली सरकार

jantaserishta.com
8 Aug 2024 3:23 AM GMT
एक शिफ्ट से ज्यादा काम नहीं करेंगे चालक, नियमित होगी जांच : दिल्ली सरकार
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नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बस दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अनेकों पहल की है। अब, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सार्वजनिक बस संचालन की नई नियमावली लागू करने का ऐलान किया।
उन्होंने बस दुर्घटनाओं को रोकने, यात्रियों और राहगीरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार के कई एहतियाती कदमों की घोषणा की। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यात्रियों और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इन नए उपायों से हमें बस संचालन की प्रभावी ढंग से निगरानी और प्रबंधन करने, दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने और समग्र सुरक्षा मानकों को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने ड्राइवरों के लिए आधार-आधारित ड्यूटी आवंटन लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे प्रत्येक चालकों के लिए सिंगल ड्यूटी शिफ्ट सुनिश्चित हो सके। कोई भी ड्राइवर एक से ज्यादा शिफ्ट में ड्यूटी नहीं कर सके, यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग ने आधार कार्ड-आधारित ड्यूटी आवंटन लागू करने का निर्णय लिया है। कई शिफ्टों में काम करने वाले ड्राइवरों की निगरानी के लिए सभी डिपो में बायोमेट्रिक फेस रिकग्निशन सिस्टम भी स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सिम्युलेटर पर ड्राइवरों का आवधिक प्रशिक्षण एक अन्य महत्वपूर्ण कदम है। डीटीसी द्वारा दो सिमुलेटर भी खरीदा जा रहे हैं। वर्तमान में प्रशिक्षण सत्र नंद नगरी डिपो में आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, डीटीसी ड्राइवरों का एक सामान्य पूल बनाया जाएगा, जिससे आवश्यकतानुसार ड्राइवरों को नियुक्त कर सकेंगे। डीटीसी और डिम्ट्स में ड्राइवर गतिविधियों की निगरानी के लिए इस पूल को आधार नंबर से जोड़ा जाएगा। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि एक विभाग या ऑपरेटर द्वारा ब्लैकलिस्ट किए गए किसी भी ड्राइवर को दूसरे द्वारा काम पर नहीं रखा जाए।
मंत्री ने बताया कि नशे में गाड़ी चलाने से रोकने के लिए प्रत्येक डिपो में ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण लागू किया जाएगा। ड्राइवरों को अपनी ड्यूटी शुरू करने से पहले इन परीक्षणों से गुजरना होगा। इसके अतिरिक्त, ड्राइवरों को संवेदनशील बनाने के लिए नियमित कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें नियुक्ति के समय प्रशिक्षण और उसके बाद नियमित रीफ्रेशर कोर्स शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि ड्राइवरों के लिए नियमित चिकित्सा जांच अनिवार्य होगी। डीटीसी में, नियुक्ति के समय, 45 साल की उम्र के बाद हर पांच साल में और 55 साल की उम्र के बाद हर साल मेडिकल जांच की जाती है। क्लस्टर ड्राइवरों के लिए समान मानदंड का पालन किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इन चिकित्सा जांच के लिए छह अस्पतालों को नामित किया है और डीटीसी और क्लस्टर ड्राइवरों को उनके नियमित स्वास्थ्य मूल्यांकन के लिए इन अस्पतालों में भेजा जाएगा।
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