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द्रौपदी मुर्मू 12 से 14 नवंबर तक दादर एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव के दौरे पर, नमो इंस्टीट्यूट के छात्रों से करेंगी संवाद

jantaserishta.com
12 Nov 2024 2:57 AM GMT
द्रौपदी मुर्मू 12 से 14 नवंबर तक दादर एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव के दौरे पर, नमो इंस्टीट्यूट के छात्रों से करेंगी संवाद
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नई दिल्ली: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 12 से 14 नवंबर 2024 तक पश्चिमी भारत में स्थित केंद्रशासित प्रदेश दादर एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव का दौरा करेंगी। द्रौपदी मुर्मू 12 नवंबर को दमन में एवियरी तथा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज और निफ्ट (एनआईएफटी) परिसर का दौरा करेंगी।
वह 13 नवंबर को सिलवासा में नमो मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट का दौरा करेंगी। इस दौरान राष्ट्रपति विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों तथा शिक्षकों से बातचीत करेंगी। इसके बाद, वह जांडा चौक स्कूल का उद्घाटन करेंगी और सिलवासा में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करेंगी। उसी शाम, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आईएनएस खुखरी मेमोरियल का भी दौरा करेंगी।
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 7 नवंबर गोवा में 'समुद्र में एक दिन' कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। द्रौपदी मुर्मु ने आईएनएस विक्रांत पर अपने 'समुद्र में एक दिन' कार्यक्रम के दौरान मिग 29के के उड़ान भरने और उतरने, युद्धपोत से मिसाइल फायरिंग अभ्यास और पनडुब्बी संचालन सहित कई नौसेना अभियानों को देखा था। उन्हें भारतीय नौसेना की भूमिका और चार्टर तथा परिचालन की अवधारणा के बारे में जानकारी दी गई थी। राष्ट्रपति ने आईएनएस विक्रांत के चालक दल के साथ बातचीत भी की थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बेड़े पर नौसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत का कई हजार वर्षों का समृद्ध समुद्री इतिहास है। यह एक अनुकूल समुद्री भूगोल से भी संपन्न है। 7500 किलोमीटर से अधिक लंबी तटरेखा के साथ, भारत का समुद्री भूगोल आर्थिक विकास, क्षेत्रीय परिवहन संपर्क और रणनीतिक प्रभाव के लिए कई अवसर प्रस्तुत करता है। हमारे पास विशाल समुद्री क्षमता है, जिसका हमें विकसित राष्ट्र बनने की अपनी यात्रा में लाभ उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि वैश्विक भू-राजनीतिक और सुरक्षा वातावरण में चल रहे उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में, यह मांग करते हैं कि हम इस क्षेत्र और इससे परे अपने राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए अपनी नौसेना शक्ति को मजबूत करना जारी रखें।
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