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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से डीयू के लिए अतिरिक्त शिक्षकों की मांग
jantaserishta.com
21 Oct 2024 3:17 AM GMT
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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू होने से शिक्षकों के पद बढ़े हैं। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा मंत्रालय ने अभी तक ईडब्ल्यूएस सीटें दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों को आवंटित नहीं की हैं। शिक्षकों का कहना है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पिछले दिनों डूटा को यह आश्वासन दिया था कि शिक्षकों के 75 फीसद पदों पर स्थायी नियुक्ति के बाद ईडब्ल्यूएस सीटें दी जाएंगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों व कॉलेजों में दो साल से सहायक प्रोफेसर के पदों पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। शिक्षकों का कहना है कि अभी तक विभिन्न कॉलेजों में शिक्षकों के 80 फीसद पदों को भरा जा चुका है। अलग-अलग कॉलेजों व विभागों में करीब 4,700 पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है।
डीयू के फोरम ऑफ एकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के मुताबिक कई महीने बीत गए पर शिक्षा मंत्रालय से अभी तक ये सीटें नहीं मिली हैं। जबकि, कॉलेजों से ईडब्ल्यूएस की सीटें कितनी बढ़ेंगी उसके आंकड़े मंगवाए जा चुके हैं। फोरम के मुताबिक डीयू में ईडब्ल्यूएस कोटे की लगभग 3,000 सीटें बनती हैं। यही कारण है कि शिक्षक संगठन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर जल्द से जल्द ईडब्ल्यूएस सीटों को आवंटित करने की मांग की है। इससे कॉलेजों को ईडब्ल्यूएस सीटों का लाभ मिल सकेगा।
फोरम के चेयरमैन प्रो. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव ने एक साल पहले सभी कॉलेजों को सर्कुलर जारी कर ईडब्ल्यूएस की 10 फीसद अतिरिक्त पदों की आवश्यकता के विषय में जानकारी मांगी थी। 10 फीसद सीटों के बढ़ने पर उनके कॉलेजों में कितने शिक्षक पदों की आवश्यकता है, यह पूछा गया था। कॉलेजों से उनके आंकड़े देने को कहा था। कॉलेजों के प्राचार्यों ने शैक्षिक व गैर शैक्षिक पदों के आंकड़े विश्वविद्यालय को भेज दिए हैं। भेजे गए शैक्षिक पदों के आंकड़ों को लेकर पिछले दिनों डूटा के अध्यक्ष प्रो. अजय भागी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिले थे।
शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे ही अपने कॉलेजों में शिक्षकों की 75 फीसद पदों पर स्थायी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेगा, शिक्षा मंत्रालय उन्हें ईडब्ल्यूएस के कारण बढ़ी सीटें दे देगा। डॉ. सुमन ने बताया है कि वर्तमान में डीयू कॉलेजों में 80 फीसद सहायक प्रोफेसरों की स्थायी नियुक्ति हो चुकी है तथा प्रक्रिया जारी है। बावजूद इसके अभी तक शिक्षा मंत्रालय ने अपना आश्वासन पूरा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि शैक्षिक सत्र 2025-26 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्र चौथे वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे, जहां शिक्षकों की मांग बढ़ जाएगी। कॉलेजों में अभी तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के आधार पर की गई है। 10 फीसद अतिरिक्त सीटों का ब्योरा 46 कॉलेजों के प्राचार्यों ने दिया है। कॉलेजों के प्राचार्यों ने छात्रों की बढ़ी संख्या के आधार पर 25 फीसद अतिरिक्त शिक्षकों की मांग की है। बाकी लगभग 35 कॉलेजों ने अभी आंकड़े जारी नहीं किए। इसमें सर्वाधिक अतिरिक्त सीटें मांगने वाले कॉलेजों में हंसराज कॉलेज, गार्गी कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज, देशबंधु कॉलेज, जाकिर हुसैन कॉलेज, दौलतराम कॉलेज व रामजस कॉलेज आदि शामिल हैं।
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