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सिएम रीप: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को कहा कि बारूदी सुरंगों का खतरा अभी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध लगाने वाले समझौते के कुछ पक्षकारों ने एंटी-पर्सनल बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल फिर से शुरू कर दिया है। इस समझौते को 'ओटावा संधि' के नाम से भी जाना जाता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यूएन चीफ ने यह बात कंबोडिया में 'बारूदी सुरंग मुक्त विश्व' पर आयोजित सिएम रीप-अंगकोर शिखर सम्मेलन को भेजे संदेश में कही।
यूएन प्रमुख के मुताबिक इस समझौते ने बारूदी सुरंगों से होने वाले विनाश की विरासत को समाप्त करने में पिछले 25 वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। इसके तहत 60 से अधिक देशों में 13,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 55 मिलियन से अधिक एंटी-पर्सनल डिवाइस नष्ट किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, हजारों लोगों को लाइफ सेविंग अवेयरनेस एजुकेशन और पीड़ित सहायता सेवाएं भी प्राप्त हुई हैं।
गुटेरेस ने कहा, "लेकिन खतरा अभी बना हुआ है। समझौते में शामिल कुछ पक्षकारों की ओर से एंटी-पर्सनल माइंस का दोबारा इस्तेमाल शुरू हो गया है, साथ ही कुछ पक्षकार इन हथियारों को नष्ट करने की अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हटे हैं।"
यूएन प्रमुख ने कहा, "मैं सदस्य देशों से अपने दायित्वों को पूरा करने तथा वित्तीय और तकनीकी सहायता के माध्यम से हुए समझौते का अनुपालन सुनिश्चित करने की अपील करता हूं।"
गुटेरेस का संदेश संयुक्त राष्ट्र की अंडर सेक्रेटरी जनरल अर्मिडा साल्सियाह अलिसजबाना ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान पढ़ा। इस आयोजन में 150 से अधिक देशों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए थे, जो बारूदी सुरंग प्रतिबंध समझौते के सदस्य देश हैं।
jantaserishta.com
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