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अपने क्रॉनिक बीमारियों को योग से करें ठीक

Sanaj
5 Jun 2023 7:59 AM GMT
अपने क्रॉनिक बीमारियों को योग से करें ठीक
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कार्डियोवैस्कुलर एवं रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियां न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व में
हेल्थ | क्रॉनिक बीमारियां जैसे मधुमेह, कैंसर, कार्डियोवैस्कुलर एवं रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियां न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व में तेज़ी से बढ़ रही हैं. इनका कोई इलाज न होने के कारण अधिकांश लोगों को मृत्यु इन बीमारियों से असमय हो रही है. आधुनिक चिकित्सा इन बीमारियों के उपचार के लिए निरंतर कार्यरत तो है, लेकिन अभी भी इनमें लंबा समय लगेगा.
ख़राब जीवनशैली, असंतुलित आहार, तंबाकू एवं शराब का अत्यधिक सेवन, धूम्रपान इत्यादि इन बीमारियों के होने के कुछ कारणों में से हैं. हालांकि इन कारकों के कुछ मूल कारणों को प्राय: हम नज़रंदाज़ कर देते हैं. जैसे कि-
संपूर्ण दृष्टिकोण
हर एक व्यक्ति का अपने जीवन के प्रति एक दृष्टिकोण होता है, एक उद्देश्य होता है. जिसे पूरा करने में वह जी जान लगा देता है. जीवन के किस दौर पर हम क्या निर्णय लेते हैं और किसे महत्व देते हैं इस पर हमारा भविष्य और स्वास्थ्य दोनों निर्भर करता है. उदाहरण के लिए यदि किसी का लक्ष्य ख़ूब धन दौलत कमाना है और उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए यदि वह अपने स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ करता तो इसका परिणाम काफ़ी घातक हो सकता है.
जागरूकता
अपने शरीर के प्रति मानसिक और शारीरिक स्तर पर जागरूक रहना हर व्यक्ति के लिए ज़रूरी है. कोई भी बड़ी बीमारी अचानक नहीं होती, हमारे शरीर के भीतर इनका विकास धीरे धीरे और एक व्यवस्थित रूप से होता है. यदि हम इन के कारणों से सचेत हो जाएं और शरीर में होने वाले किसी भी असंतुलन को पहचान लें तो हम अपने आप को इन घातक बीमारियों से दूर रख सकते हैं.
तनाव
तनाव यानि स्ट्रेस, हमारे जीवन का मुख्य हिस्सा बन गया है. आधुनिक समाज में होनेवाले निरंतर विकास से हमारे निजी जीवन पर लगाता दबाव बढ़ता जा रहा है, जिसका असर हमारे शरीर और मन दोनों पर क्रॉनिक स्ट्रेस के रूप में हो रहा है. धीरे धीरे हम इस क्रॉनिक स्ट्रेस को नियंत्रित करने की क्षमता खोते जा रहे हैं और इसलिए तरह-तरह की बीमारियों का शिकार बन रहे है.
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